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जब इस राक्षसी ने अपने भाई से की बगावत, महाभारत के इस यौद्धा से प्यार में पड़ते ही बन गई 'देवी'


महाभारत में कई प्रेम कहानी देखने को मिली है. इन्हीं में से एक हिडिम्बा और भीम की लव स्टोरी है. भीम के प्यार लिए हिडिम्बा ने अपने भाई से युद्ध तक किया. 

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जब इस राक्षसी ने अपने भाई से की बगावत, महाभारत के इस यौद्धा से प्यार में पड़ते ही बन गई 'देवी'

नई दिल्ली: महाभारत में युद्ध के अलावा कई प्रेम कहानियों किस्से भी हैं. इन प्रेम कहानियों के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है. महाभारत में ऐसी कई प्रेम कहानियां है जिसमें अपने प्यार के लिए उन्होंने सबकुछ न्यौछावर कर दिया था. आज हम इस लेख में आपको हिडिम्बा और भीम की लव स्टोरी के बारे में बताएंगे. हिडिम्बा भीम पर अपना दिल हार बैठी थी. भीम की रक्षा करने के लिए हिडिम्बा ने अपने भाई से बगावत कर ली थी. 

हिडिम्बा और भीम की प्रेम कहानी 
यह घटना तब की है जब पांडव अपनी मां के साथ लक्षागृह से बचने के बाद जंगल में रात बिता रहे थे. पांडव और मां कुंती सो रहे थे. भीम भाइयों और मां की रक्षा करने के लिए जंगल में पहरा दे रहे थे. वहीं जंगल में जब हिडिम्ब नाम के राक्षस को मानव गंध का अहसास हुआ तो उन्होंने अपनी बहन हिडिम्बा को जंगल में भेजा. हिडिम्बा उस जगह पर पहुंच गई, जहां पर पांडव आराम कर रहे थे. हिडिम्बा पांडवों पर हमला करने ही वाली थी तभी अचानक हिडिम्बा की नजर भीम पर पड़ी. भीम को पहली नजर में देखते ही हिडिम्बा उस पर मोहित हो गई. 

भाई की बगावत 
वहीं दूसरी तरफ हिडिम्ब ने देखा कि हिडिम्बा अभी तक आई नहीं है, ऐसे में हिडिम्ब खुद जंगल पहुंचा. हिडिम्ब देखता है कि उसकी बहन सुंदर अप्सरा के रूप में भीम से बाते कर रही है. हिडिम्ब को यह सब देखकर बहुत गुस्सा आता है. वह हिडिम्बा के पास जाकर बोलता है कि बहन आने में बहुत देर कर दी. क्या हुआ, भाई को अचानक देख हिडिम्बा डर जाती है और वह अपने असली रूप में आ गई. जब भी सुंदर अप्सरा को राक्षसी का रूप बदलते हुए देखता है वह समझ जाता है कि वह कोई मायावी राक्षसी है. भीम और हिडिम्ब के बीच युद्ध शुरू होता है. वहीं हिडिम्बा इस लड़ाई में भीम का साथ देती है. हिडिम्ब की मौत के बाद हिडिम्बा भीम को सच्चाई बताकर शादी का प्रस्ताव रखती है. भीम बोलता है कि ये देवी मैं यहां अपने भाई और मां की रक्षा कर रहा हूं. मेरा विवाह का कोई इरादा नहीं है. 

कैसे हुआ विवाह 
हिडिम्बा भीम के भाइयों और मां को जगाना नहीं चाहती थी ऐसे में वह पूरी रात पेड़ पर बैठकर इंतजार करती है. जब अगली सुबह पांडव और मां जंगल से जा रहे होते हैं तो हिडिम्बा पेड़ से नीचें उतकर मां कुंती से शादी का निवेदन करती है. हिडिम्बा के सामने आते ही भीम रात की सारी बात बता देगा. कुंती धर्मराज युधिष्ठिर से पूछती है कि क्या धर्म एक राक्षस और मानव का विवाह की आज्ञा देता है. युधिष्ठिर बोलता है कि धर्म मां की आज्ञा का पालन के लिए कहता है. इसके बाद कुंती भीम और हिडिम्बा का विवाह करा देती है. कुंती बोलती है कि भीम अपना पूरा जीवन तुम्हारे साथ नहीं रह सकता है. भीम और हिडिम्बा शादी के बाद एक साल तक साथ रहे. दोनों का पुत्र हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया. 

बन गईं देवी 
मान्यताओं के अनुसार भीम से विवाह करने के बाद हिडिम्बा का राक्षसी रूप का प्रभाव खत्म हो गया था. हिडिम्बा देवी बन गई है. आज के समय में हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिडिम्बा को देवी के रूप में पूजा जाता है. मनाली में हिडिम्बा देवी का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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