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जानें कैसे जन्मतिथि के अंकों का आपके जीवन पर पड़ता है प्रभाव, अंकशास्त्र से ऐसे जानें अपना भविष्य

Ank Jyotish: ज्योतिषशास्त्र की तरह ही अंक शास्त्र का भी महत्व है. इस विशेष विद्या के जरिए व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी को हासिल किया जा सकता है. अंक शास्त्र की मदद से किसी व्यक्ति में विधमान गुण, अवगुण, व्यवहार और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

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जानें कैसे जन्मतिथि के अंकों का आपके जीवन पर पड़ता है प्रभाव, अंकशास्त्र से ऐसे जानें अपना भविष्य

नई दिल्ली: ज्योतिषशास्त्र की तरह ही अंक शास्त्र का भी महत्व है. इस विशेष विद्या के जरिए व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी को हासिल किया जा सकता है. अंक शास्त्र की मदद से किसी व्यक्ति में विधमान गुण, अवगुण, व्यवहार और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

अंकशास्त्र के आधार पर आप अपनी योजना बना सकते हैं या काम कर सकते हैं. मूलांक के अलावा आपके जन्म की तारीख, महीने और वर्ष का जोड़ लेकर भी भाग्यांक निकाला जा सकता है, जिससे अपने जीवन के हर साल के बारे में अनुमान लगा कर अपने काम को उसी अनुरूप से ढाल सकते हैं और जीवन को सरल बना सकते हैं.

अंक ज्योतिष संख्याओं के छिपे हुए अर्थ और हमारे जीवन के लिए उनके महत्व को सिखाता है. ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक अंक का महत्व है. जैसे 1 अंक सूर्य का, 2 अंक चंद्र का, 3 अंक गुरु का, 4 अंक राहु का, 5 अंक बुध का, 6 का शुक्र, 7 का केतु, 8 का शनि और 9 का स्वामी ग्रह मंगल है. मूलांक, भाग्यांक और जन्मांक से अंक ज्योतिषाचार्य लोगों का भविष्य बताते हैं.

आइए जानते हैं अंकों की विशेषताओं के बारे में:

अंक एक
अंक एक को भगवान सूर्य का अंक माना गया है. इस अंक के प्रभाव से व्यक्ति के अंदर नेतृत्व की भावना बढ़ती है. 1 अंक वाले व्यकित अत्यधिक साहसी, वीर, पराक्रमी तथा उद्यमी होते हैं. इस अंक पर सूर्य का अधिकार होने से व्यक्ति अति तेजस्वी होने के साथ जिद्दी और अपनी धुन के पक्के भी होते हैं.

अंक दो
अंक दो को चंद्रदेव का अंक माना गया है. दो अंक वाले व्यक्ति के अंदर नेतृत्व की भावना का अभाव रह सकता है लेकिन ऐसे व्यक्ति समूह में काम करने वाले व्यक्ति होगें. अंक दो के प्रभाव से आप शांतिप्रिय व्यक्ति होगें, दूसरो को सहयोग देने वाले वाले और सभी के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार वाले व्यक्ति होंगे. अंक दो का प्रभाव व्यक्ति को अत्यधिक भावुक भी बना सकता है.

अंक तीन
अंक तीन का स्वामी ग्रह बृहस्पति है, जो सभी ग्रहों के गुरु हैं. मूलांक 3 वाले व्यक्ति बड़े स्वाभिमानी होते हैं. ऐसे व्यक्ति किसी के आगे झुकना इन्हें पसंद नहीं करते. इन्हें अपनी स्वतंत्रता से समझौता करना पसंद नहीं होता. ऐसे व्यक्ति साहसी, वीर, शक्तिशाली, अविचल, संघर्षशील, श्रमजीवी तथा कष्टों से हार न मानने वाले होते हैं.

अंक चार
मूलांक 4 का स्वामी ग्रह राहु है. कुछ अंकशास्त्री इसे यूरेनस या नकारात्मक सूर्य का अंक मानते हैं. 4 अंक वाले व्यक्ति क्रांतिकारी, वैज्ञानिक या राजनीतिज्ञ हो सकते है लेकिन साथ ही ऐसे व्यक्ति घमंडी, उपद्रवी, अहंकारी और हठी भी हो सकते हैं. हालांकि 4 अंक वाले व्यक्ति साहसी, व्यवहार कुशल और चकित कर देने वाले कामों को करने में भी निपुण होते हैं. हालांकि ऐसे व्यक्ति के भीतर कल्पनाशक्ति का अभाव होता है.

अंक पांच
मूलांक 5 का स्वामी ग्रह बुध है जो ज्ञान एवं बुद्धि का प्रतीक हैं. 5 अंक वाले व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं. इस मूलांक के व्यक्ति साहसी तथा कर्मशील होते हैं. 5 अंक वाले व्यक्ति चुनौतियों को चेलेंज के रूप में स्वीकार करते है और उनसे लड़कर विजय भी प्राप्त करते हैं. ऐसा व्यक्ति बहुत ही तार्किक भी होता है. इस मूलांक वाले व्यक्ति निर्णय लेने मे निपुण होते हैं.

अंक छह
मूलांक 6 का स्वामी ग्रह शुक्र है जो प्रेम एवं शान्ति का प्रतीक है. 6 अंक वाले व्यक्ति सुगठित शरीर वाले होते हैं. ये देखने में सुंदर एवं प्रभावशाली होते हैं. 6 अंक वाली महिला बहुत सुंदर होती हैं. इन्हें बुढ़ापा देर से आता है. ये कलाप्रेमी होते हैं और इनमें सौंदर्य के प्रति आकर्षण होता है. ऐसे व्यक्ति दीर्घायु, स्वस्थ, बलवान, हंसमुख होते हैं और इनमें दूसरों को सम्मोहित करने का गुण होता है. ये उदार हृदय के होते हैं.

अंक सात
सात अंक का स्वामी केतु है. कई विद्वान इसे नेपच्यून (वरुण) ग्रह का अंक भी मानते हैं. 7 अंक वाले व्यक्ति मौलिकता, स्वतंत्र विचार-शक्ति तथा असामान्य व्यक्तित्व के होते हैं. ये शांत चित्त नहीं बैठ पाते सदैव कुछ न कुछ सोचते रहते हैं, ये सदैव बदलाव और यात्रा के लिए उत्सुक रहते हैं. अपनी मौलिकता के बल पर ये धन अर्जित करते हैं, लेकिन उसका संग्रह नहीं कर पाते सामान्य रूप से ये खर्च कम ही करते हैं.

अंक आठ
अंक 8 का स्वामी शनि हैं. इस मूलांक के व्यक्ति प्रायः अन्तर्मुखी प्रवृति के होते है, ये लोग प्रचार-प्रसार से दूर एकनिष्ठ होकर अपने कामो में लगे रहते हैं. ये हर बात को गंभीरता से सोचते हैं. ये शांत, गंभीर व निश्छल प्रवृति वाले होते हैं. 8 मूलांक वाले लोग भी धीरे धीरे सफलता पाते हैं, इनके कामो में रुकावट प्रायः आती रहती है. ये प्रायः दुनिया के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं.

अंक नौ
अंक 9 का स्वामी मंगल हैं. मंगल उत्साह और ऊर्जा का द्योतक है. इस अंक वाले व्यक्ति उत्साही स्वभाव के होते हैं. ये ताकतवर शरीर के होते हैं. ये किसी भी परिस्थिति से निबटने का माद्दा रखते हैं. ये अनुशासन प्रिय और सिद्धांत के पक्के होते हैं. नौ अंक वाले व्यक्ति की प्रवत्ति कलात्मक भी होती है.

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