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Chandra Grahan 2022 Do's and Dont's: चंद्र ग्रहण का सूतक शुरू, इन बातों का रखें ध्यान, भूलकर भी न करें ये काम

Chandra Grahan 2022 Do's and Dont's: साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू हो गया है. पूर्ण चंद्र ग्रहण 2022 भारत में दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और शाम 5 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा. इस दौरान कुछ बातों को न करने की सलाह दी जाती है.आइए जानते हैं.

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Chandra Grahan 2022 Do's and Dont's: चंद्र ग्रहण का सूतक शुरू, इन बातों का रखें ध्यान, भूलकर भी न करें ये काम

नई दिल्ली. Chandra Grahan 2022 Do's and Dont's भारत के लोग आज साल के आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण का गवाह बनने जा रहे हैं. कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची और गुवाहाटी से इस चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है. बता दें कि यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. इसके बाद आगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 2025 में देखने को मिलेगा. ग्रहण का सूतक काल शुरू हो गया है. ये चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इसलिए चंद्र ग्रहण का सूतक मान्य होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल के दौरान कुछ कमों को करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं कि ग्रहण काल के दौरान किया करना चाहिए और किन कामों को करने से बचना चाहिए. 

ग्रहण काल में क्या न करें?

- ग्रहण काल में किसी भी नए कार्य का शुभारंभ न करें.
- सूतक के दौरान भोजन बनाना और भोजन करना वर्जित माना जाता है.
- देवी-देवताओं की प्रतिमा और तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान फूल, पत्ते, लकड़ी आदि नहीं तोड़ने चाहिए.
- इस दिन न बाल धोने चाहिए ना ही वस्त्र.
- ग्रहण के समय सोना, शौच, खाना, पीना, किसी भी तरह के वस्तु की खरीदारी से बचना चाहिए.
- ग्रहण में बाल अथवा दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, ना ही बालों अथवा हाथों में मेहंदी लगवानी चाहिए.
- ग्रहण के दरम्यान उधार लेन-देन से बचना चाहिए. उधार लेने से दरिद्रता आती है और उधार देने से लक्ष्मी नाराज होती हैं.

ग्रहण के दौरान क्या करें?

- ग्रहण काल के समय भगवान का ध्यान करना चाहिए.
- भगवान के ध्यान के साथ ही मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए.
- ग्रहण समाप्ति के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
- सूतक काल के पहले तैयार भोजन को खाने से पहले उसमें तुलसी के पत्ते डालकर शुद्ध करें.
- ग्रहण लगने और खत्म होने के दौरान सूर्य मन्त्र 'ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः नमः' और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का धीमे-धीमे मगर शुद्ध जाप करें.
- संयम के साथ जप-ध्यान करने से कई गुना फल होता है.
- ग्रहण काल के दौरान कमाया गया पुण्य अक्षय होता है. इसका पुण्य प्रताप अवश्य प्राप्त होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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