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Mahashivratri 2024: 7 या 8 मार्च कब है महाशिवरात्रि पर्व, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Mahashivratri 2024: हर साल फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है. यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है. आइए जानते हैं, महाशिवरात्रि की तारीख, शुभ मुहूर्त, 

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Mahashivratri 2024: 7 या 8 मार्च कब है महाशिवरात्रि पर्व, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली: Mahashivratri 2024: हर साल फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है. यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने कईं व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि का पर्व साल में सिर्फ एक बार ही आता है.  ऐसा मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव ज्योतिर्लिग स्वरूप में प्रकट हुए थे, वहीं कुछ स्थानों पर ये पर्व शिव-पार्वती विवाह उत्सव के रूप मे में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं, महाशिवरात्रि की तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में:   

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 08 मार्च को रात में 09 बजकर 57 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 09 मार्च को शाम को 06 बजकर 17 मिनट पर तिथि का समापन होगा. सनातन धर्म में महादेव की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. महाशिवरात्रि व्रत की पूजा रात्रि में की जाती है, इसलिए ये व्रत 8 मार्च को करना ही श्रेष्ठ रहेगा.

महाशिवरात्रि का पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद उनका गंगाजल, कच्चे दूध और दही से अभिषेक करें. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान शिव को पंचामृत, पुष्प, फल, और मिठाई अर्पित करें. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें. शिव चालीसा का पाठ करें. आरती करें और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करें.
 
महाशिवरात्रि का महत्व 
महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक उत्तम साधन है. यह व्रत सभी पापों को दूर करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए माना जाता है. यह व्रत मनुष्य को मनोवांछित फल प्राप्त करने वाला माना जाता है.  इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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