World War II Airman Letter: 70 साल पहले कुछ मजदूर एक घर को दोबारा से तैयार करने के लिए फर्श के नीचे काम कर रहे थे. इस दौरान उनको द्वितीय विश्व युद्ध के एयरमैन के अंतिम क्षणों के पत्रों की एक श्रृंखला मिली. इसके बाद वे उन लेटरों को लेकर दिवंगत एयरमैन को ढूंढने के मिशन पर निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने एक स्थानीय इतिहासकार का भी सहारा लिया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. अब जाकर ये लेटर परिवार के पास पहुंच पाए हैं.
युद्ध खत्म होने से कुछ महीने पहले हुई मौत
मृतक सिपाही का नाम नॉर्मन टिनस्ले है. वह रेडियो ऑपरेटर सार्जेंट थे. उनकी मौत युद्ध खत्म होने से कुछ महीने पहले ही एक बमबारी के दौरान हुई थी. जब सभी लोग सार्जेंट नॉर्मन टिनस्ले के परिवार का पता लगाने में असफल रहे तो उन्होंने डेली मेल की सहायता का अनुरोध किया था. एयरमैन की मृत्यु के 70 से अधिक वर्षों के बाद, अब भी 30 से अधिक टेलीग्राम से युक्त फटा लिफाफा, शोक संवेदना के हस्तलिखित संदेश और तस्वीरें बिल्कुल सुरक्षित थे.
इस तरह परिवार का लगा पता
सार्जेंट के एक पत्र के अनुसार, एयरमैन अपने दुश्मन के खिलाफ छठे ऑपरेशनल मिशन पर था. टिनस्ले एक लोकप्रिय और कुशल वायरलेस ऑपरेटर थे. पत्र प्राप्त करने के बाद, द मेल के विशेषज्ञों को पता चला कि सार्जेंट टिनस्ले की मां का जोसेफ नाम का एक भाई था, जिसकी दो पोतियां हैं. 62 वर्षीय सैंड्रा कॉल्स और 69 वर्षीय उनकी बहन गिलियन कार्टर. ऐसे में ये लेटर उन दोनों तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया.
युवाओं ने किया बलिदान
महिलाओं को उनकी बहन नोरा के बारे में पता था, जिनका 2011 में 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, लेकिन वे अपने भाई के निस्वार्थ काम से अनजान थीं. गिलियन कार्टर ने कहा कि इतने वर्षों के बाद यह सब पता लगाना आश्चर्यजनक है. इन पत्रों से पता चलता है कि इन युवाओं ने हमारे लिए कितना बलिदान दिय था.
लेटर ने छू लिया दिल
पत्रों की खोज 79 वर्षीय सैंड्रा बर्क के दिवंगत पति ब्रायन ने की थी. उन्होंने कहा कि जब मैंने उन्हें पढ़ना शुरू किया, तो उन्होंने मेरे दिल को छू लिया.
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