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UK: दुनिया में पहली बार मिर्गी के मरीज की खोपड़ी में लगाई गई मशीन, ऐसे करती है काम

Epilepsy Device: दुनिया में पहली बार है जब किसी मिर्गी के मरीज की खोपड़ी में उपकरण लगाया है. डिवाइस लगाने से पहले मरीज को प्रतिदिन मिर्गी के दो दर्जन से लेकर सैकड़ों दौरे पड़ते थे. लेकिन डिवाइस लगने के बाद मिर्गी के दौरे में 80 फीसदी तक की कमी आई है. 

UK: दुनिया में पहली बार मिर्गी के मरीज की खोपड़ी में लगाई गई मशीन, ऐसे करती है काम
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Sudeep Kumar|Updated: Jun 24, 2024, 03:03 PM IST

Neurostimulator Device: ब्रिटेन में 13 साल के मिर्गी के मरीज के दौरे को नियंत्रित करने के लिए उसकी खोपड़ी में एक डिवाइस लगाई है. इस डिवाइस का नाम न्यूरोस्टिम्युलेटर है जो उसके मस्तिष्क में गहराई तक विद्युत संकेत भेजता है. इस डिवाइस की वजह से मरीज ओरान नॉल्सन के मिर्गी के दौरे में 80 फीसदी तक की कमी आई है. ओरान नॉल्सन की मां का कहना है कि डिवाइस लगने के बाद से उसका जीवन स्तर काफी बेहतर हो गया है. 

बीबीसी न्यूज के मुताबिक, दुनिया में पहली बार है जब किसी मिर्गी के मरीज की खोपड़ी में इस तरह का उपकरण लगाया है. साथ ही ओरान नॉल्सन न्यूरोस्टिम्युलेटर डिवाइस के परीक्षण से गुजरने वाला दुनिया का पहली मरीज बन गया है. 

प्रतिदिन सैकड़ों तक पड़ते थे दौरे

रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्जरी अक्टूबर 2023 में लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में एक परीक्षण के तौर पर की गई थी. समरसेट के ओरान को लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम है. इस सिंड्रोम की वजह से मिर्गी का इलाज हो पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. ओरान को ये सिंड्रोम तीन साल की उम्र में विकसित हुआ था. तब से उसे प्रतिदिन दो दर्जन से लेकर सैकड़ों तक दौरे पड़ते थे.

सर्जरी से पहले की दिनों को लेकर ओरान की मां कहती हैं कि मिर्गी उसके जीवन पर पूरी तरह से हावी हो गई थी. मिर्गी ने उसका सारा बचपन छीन लिया. सर्जरी से पहले ओरान को कई तरह के दौड़े पड़ते थे जिसमें जमीन पर गिरना, जोर से हिलना और बेहोश जाना शामिल था. कभी-कभी उसकी सांसें भी रुक जाती थी और उसे फिर से सामान्य करने के लिए आपातकालीन दवा की आवश्यकता होती थी. 

कैसे काम करती है यह डिवाइस?

चूंकि, मिर्गी के दौरे में मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि के असामान्य विस्फोट शुरू हो जाते हैं. ओरान नॉल्सन की खोपड़ी में लगाई डिवाइस न्यूरोस्टिम्युलेटर विद्युत की निरंतर पल्स उत्सर्जित करता है साथ ही यह असामान्य संकेतों को रोकता है.

बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जन मार्टिन टिस्डल के नेतृत्व में डॉक्टर की टीम ने ओरान के मस्तिष्क में दो इलेक्ट्रोड डाले, जब तक कि वे थैलेमस तक नहीं पहुंच गए. लीड के सिरे न्यूरोस्टिम्यूलेटर से जुड़े थे, एक 3.5 सेमी वर्ग और 0.6 सेमी मोटा उपकरण जिसे ओरान की खोपड़ी में एक अंतराल में रखा गया था जहां से हड्डी हटा दी गई. इसके बाद न्यूरोस्टिम्यूलेटर को आसपास की खोपड़ी में फिट कर दिया गया ताकि उसे अपनी जगह पर ठीक किया जा सके.

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