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KP Sharma Oli on India: 'उन हिस्सों पर दोबारा दावा करेंगे, जिन्हें भारत...', इस देश के पूर्व PM का विवादास्पद बयान

India-Nepal Ties: पश्चिमी नेपाल में भारत की सीमा के नजदीक धारचुला जिले में अपनी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ओली ने यह बात कही. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हम कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे.

KP Sharma Oli on India: 'उन हिस्सों पर दोबारा दावा करेंगे, जिन्हें भारत...', इस देश के पूर्व PM का विवादास्पद बयान
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Zee News Desk|Updated: Nov 05, 2022, 05:51 AM IST

India-Nepal Conflict: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि 20 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव में अगर उनकी पार्टी की जीत होती है तो देश के उन हिस्सों पर दोबारा दावा किया जाएगा जिसे भारत अपना बताता है. पश्चिमी नेपाल में भारत की सीमा के नजदीक धारचुला जिले में अपनी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ओली ने यह बात कही. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हम कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे. 

70 साल के ओली ने कहा कि उनकी पार्टी देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, हम अपनी जमीन का एक इंच हिस्सा भी किसी को नहीं देंगे. इस बीच नेपाली कांग्रेस के प्रेसिडेंट और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि कूटनीतिक पहल और आपसी संबंधों के आधार पर नेपाल की अतिक्रमित भूमि को वापस लाने के प्रयास जारी हैं. देउबा ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए सुदूर पश्चिम नेपाल में अपने गृह जिले ददेलधुरा में यह टिप्पणी की. ओली की टिप्पणी के बाद उनका यह बयान आया है. 

चुनाव प्रचार में देउबा ने कहा कि कालापानी, लिपुलेख, लिंपियाधुरा और अन्य क्षेत्रों के मुद्दों को राजनयिक पहल के जरिए हल किया जाएगा. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. बाबूराम भट्टराई ने ओली से कहा है कि वे राष्ट्रीय अखंडता को चुनाव का एजेंडा न बनाएं. भट्टाराई ने ओली का नाम लिए बिना ट्वीट में कहा, किसी भी पार्टी या व्यक्ति को देश की क्षेत्रीय अखंडता को चुनावी एजेंडा नहीं बनाना चाहिए. 1960 में चुनी हुई सरकार को बर्खास्त करके राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने वाले राजा महेंद्र और हिटलर के अत्याचारों का उदाहरण देते हुए पूर्व प्रधान मंत्री ने यह भी कहा कि केवल फासीवाद से प्रेरित लोगों ने ही राष्ट्रवाद को राजनीतिक एजेंडा बनाया. 8 मई, 2020 को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने वाली सड़क को खोलने के बाद नेपाल के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. 

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