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Russia-Vietnam: उत्तर कोरिया के बाद वियतनाम के क्यों गए पुतिन, क्या हैं रूसी राष्ट्रपति के इस दौरे के मायने?

Russia Vietnam Relations: वियतनाम अभी भी रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है, लेकिन वह यूरोप और अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है.

Russia-Vietnam: उत्तर कोरिया के बाद वियतनाम के क्यों गए पुतिन, क्या हैं रूसी राष्ट्रपति के इस दौरे के मायने?
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Manish Kumar.1|Updated: Jun 20, 2024, 03:17 PM IST

Putin's Visit to Vietnam: वियतनामी राष्ट्रपति टो लैम और रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने वियतनाम की राजधानी हनोई में मुलाकात की. दोनों नेताओं ने कहा है कि वे संबंधों को बढ़ावा देना चाहते हैं. बीबीसी के मुताबिक राष्ट्रपति लैम ने अपने रूसी समकक्ष की तारीफ की और उन्हें हाल ही में फिर से चुने जाने पर बधाई दी. पुतिन ने बदले में कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना रूस की प्राथमिकताओं में से एक है.

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के बाद वियतनाम का दौरा कर पुतिन ये दिखाना चाहते हैं कि दुनिया के इस हिस्से में उन्हें समर्थन हासिल हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन में अपने आक्रामक युद्ध को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान करने के लिए इस यात्रा की आलोचना की है.

वियतनाम अभी भी रूस के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को महत्व देता है, लेकिन वह यूरोप और अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है.

रूस के साथ वियतनाम के घनिष्ठ संबंध रहे हैं और ये कई दशक पुराने हैं, जब 1950 के दशक में सोवियत संघ ने उत्तरी वियतनाम में नए साम्यवादी राज्य को महत्वपूर्ण सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक समर्थन दिया था.

वियतनाम ने रूस के साथ अपने रिश्ते को 'वफादारी और कृतज्ञता से भरा हुआ' बताया है. 1978 में जब वियतनाम ने कंबोडिया पर आक्रमण करके खूनी खमेर रूज शासन को उखाड़ फेंका, तो उसे अलग-थलग कर दिया गया. चीन और पश्चिम ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए जिसकी वजह से वह सोवियत सहायता पर बहुत अधिक निर्भर हो गया. शक्तिशाली कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग सहित कई पुराने वियतनामी लोगों ने रूस में अध्ययन किया और भाषा सीखी.

अर्थव्यवस्ता बदली लेकिन रूस पर निर्भरता जारी
आज वैश्विक बाजारों में वियतनाम की अर्थव्यवस्था इसके एकीकरण से बदल गई है. रूस व्यापारिक साझेदार के रूप में चीन, एशिया, अमेरिका और यूरोप से बहुत पीछे रह गया है. लेकिन वियतनाम अभी भी मुख्य रूप से रूस निर्मित सैन्य उपकरणों का उपयोग करता है, और दक्षिण चीन सागर में तेल की खोज के लिए रूसी तेल कंपनियों के साथ साझेदारी पर निर्भर करता है.

यूक्रेन युद्ध पर वियतनाम का रुख
बीबीसी के मुताबिक  यूक्रेन पर आक्रमण ने वियतनाम के सामने कूटनीतिक चुनौती पेश की, लेकिन अब तक वह इसका सामना करने में सफल रहा है. उसने रूस के कार्यों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न प्रस्तावों पर अनुपस्थित रहने का विकल्प चुना. फिर भी उसने यूक्रेन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे. यहां तक ​​कि कीव को कुछ सहायता भी भेजी. वे सोवियत युग की विरासत भी साझा करते हैं; हज़ारों वियतनामी लोगों ने यूक्रेन में काम किया है और पढ़ाई की है.

वियतनाम के अमेरिका के साथ तेजी से बदलते संबंध
यह सब वियतनाम की लंबे समय से चली आ रही विदेश नीति के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें सभी के साथ मित्रता रखने और सभी औपचारिक गठबंधनों से बचने की बात कही गई है.  यही कारण है कि वियतनाम ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बेहद आसानी से उन्नत किया है. कभी इन दोनों देशों ने एक लंबा युद्ध लड़ा था. अमेरिका के साथ रिश्ते बढ़ाने के पीछे वियतनाम का मकसद वियतनामी निर्यात के लिए आकर्षक बाजार की तलाश करना और विशाल पड़ोसी चीन के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को संतुलित करना है. 

अमेरिका ने क्यों किया यात्रा का विरोध
अमेरिका ने राष्ट्रपति पुतिन की वियतनाम की आधिकारिक यात्रा को लेकर इस आधार पर आपत्ति जताई कि इससे मॉस्को को अलग-थलग करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को धक्का लगेगा. लेकिन वियतनाम को लेकर अमेरिका को कोई हैरानी नहीं हो चाहिए. रूस के साथ विशेष ऐतिहासिक संबंधों के अलावा, यूक्रेन युद्ध को लेकर वियतनाम की जनता यूरोप की तुलना में अधिक मिक्स फीलिंग रखती है. 

वियतनाम की जनता में पश्चिम को चुनौती देने वाले एक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में पुतिन की कुछ हद तक समर्थन प्राप्त है. इसके अलावा लोगों में अमेरिका और यूरोप के अंतर्राष्ट्रीय कानून को कायम रखने के दावों के प्रति संदेह भी है, जो रूप से सोशल मीडिया की टिप्पणियों से भी पता चलता है. 

वियतनाम व्लादिमीर पुतिन के साथ कितने समय तक अपना दोस्ताना रिश्ता बनाए रखेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. यह पहले से ही सैन्य उपकरणों के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है, लेकिन रूस पर अपनी मौजूदा निर्भरता को खत्म करने में इसे सालों लगेंगे. 

कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर हाल ही में कई उच्च-स्तरीय इस्तीफ़े इस बात का संकेत देते हैं कि अगली पीढ़ी के नेताओं को लेकर गहन आंतरिक प्रतिद्वंद्विता है. लेकिन अभी तक सभी के दोस्त और किसी के दुश्मन न होने की महत्वाकांक्षा को छोड़ने की कोई बात नहीं हुई है. 

 

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