White House on Barack Obama Statement: व्हाइट हाउस और भारत के विदेश मंत्रालय दोनों ने भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ओबामा के बयान की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने आलोचना की है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट में स्पष्ट रूप से ओबामा के पहले नाम के बजाय उनके मध्य नाम "हुसैन" का उल्लेख किया.
यह पूछे जाने पर कि क्या ओबामा द्वारा उठाए गए मुद्दों को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी के सामने उठाया था, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत में नियमित रूप से मानवाधिकारों के बारे में चिंताओं को उठाता है. उन्होंने कहा कि बाइडेन ने पीएम मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान मानवाधिकार मुद्दों का जिक्र किया.
ओबामा ने क्या कहा था?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ‘सीएनएन’ के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा. ओबामा के इस बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पहले यह सोचना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान कितने मुस्लिम-बहुल देशों पर हमले हुए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि ओबामा को पता होना चाहिए कि भारत के लोग ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा में विश्वास करते हैं और सभी लोगों को एक वैश्विक परिवार के सदस्यों के रूप में मानते हैं.
वहीं, ओबामा के बयान पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनका बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी ‘बमबारी’ का सामना करना पड़ा था. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की ओर से अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार को लेकर आधारहीन आरोप लगाने के लिए संगठित अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि वे मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी मैदान में नहीं हरा सकते.