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India Nepal: प्रचंड सरकार में ओली के शामिल होते ही फिर सुलगने लगा सीमा विवाद, नेपाल की पूर्व मंत्री ने भारत से की ये मांग

India Nepal News: नेपाल की प्रचंड सरकार में ओली के शामिल होते ही भारत- नेपाल में फिर सीमा विवाद सुलगने लगा है. अब वहां की पूर्व मंत्री ने भारत के सामने बड़ी मांग उठाई है.   

India Nepal: प्रचंड सरकार में ओली के शामिल होते ही फिर सुलगने लगा सीमा विवाद, नेपाल की पूर्व मंत्री ने भारत से की ये मांग
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Devinder Kumar|Updated: Apr 04, 2024, 12:24 AM IST

India Nepal Hindi News: नेपाल और भारत को दोनों पक्षों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह (ईपीजी) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट को लागू करना चाहिए.  सत्तारूढ़ सीपीएन-माओवादी सेंटर की एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को यह जानकारी दी. पार्टी की उपाध्यक्ष पम्फा भुसाल ने कहा, ‘क्योंकि ईपीजी रिपोर्ट में नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा को विनियमित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, इसलिए इसे लागू करना जरूरी हो गया है.’

दोनों देशों के विशेषज्ञों ने तैयार की रिपोर्ट

ललितपुर जिले में ‘संप्रभुता, सीमा और जल’ नामक एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेपाल की पूर्व जल संसाधन मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के लिए यह रिपोर्ट पढ़ना और इस पर अमल करना जरूरी है. यह रिपोर्ट दोनों पक्षों के वरिष्ठ विशेषज्ञों की ओर से तैयार की गई है और इसका उद्देश्य विवादित क्षेत्रों का समाधान निकालना है. 

आपसी रिश्तों की समीक्षा करना उद्देश्य

भारत और नेपाल के बुद्धिजीवियों की ओर से यह रिपोर्ट 2018 में तैयार की गई थी. इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली 8 सदस्यीय समिति में विविध पृष्ठभूमि वाले नेपाल और भारत के आठ सदस्य शामिल थे. इस रिपोर्ट का मकसद 1950 की नेपाल-भारत मैत्री संधि समेत दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करना था.

अगर दोनों देशों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई तो...

पम्फा भुसाल ने कहा कि अगर भारत सरकार इस रिपोर्ट को हासिल करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती है, तो नेपाल सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. हालांकि यदि दोनों देश रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करते हैं तो ईपीजी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को लागू नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि नेपाल को अधिक से अधिक बिजली उत्पादन कर इसका लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि जल संसाधनों का उचित इस्तेमाल किया जाये तो नेपाल समृद्ध हो सकता है. 

ओली सरकार के कार्यकाल में बिगड़े थे रिश्ते

बताते चलें कि केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्रित्वकाल में भारत और नेपाल के संबंध बहुत खराब हो गए थे. नेपाल सरकार ने संसद में प्रस्ताव पास कर भारत के कालापानी, लिम्प्युधारा और धारचूला इलाके पर अपना दावा ठोक दिया था. भारत ने ओली सरकार के इस दावे को बचकाना कहते खारिज कर दिया था. इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे. तब से वहां के वामपंथी इस तरह के बयान देकर रिश्तों में दरार की कोशिश करते रहते हैं. 

(एजेंसी भाषा)

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