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Russia-Ukraine war: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन से मांगी माफी, रूस युद्ध से है संबंध

Biden apologizes to Ukraine: अमेरिका की ओर से यूक्रेन को हथियार सप्लाई में हुई देरी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने माफी मांगी है. अमेरिका, यूक्रेन के लिए युद्धकालीन सहायता का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है.  

Russia-Ukraine war: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन से मांगी माफी, रूस युद्ध से है संबंध
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Sudeep Kumar|Updated: Jun 07, 2024, 06:37 PM IST

Ukraine News: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सार्वजनिक रूप से पहली बार यूक्रेन को हथियार सप्लाई में हुई देरी के लिए माफी मांगी है. शुक्रवार को पेरिस में D-Day landings की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह यूक्रेनी लोगों से उन दिनों के लिए माफी मांगते है जब वो असमंजस में थे कि अमेरिका की ओर से और मदद की खेप आएगी या नहीं. जबकि अमेरिका ने यूक्रेन के लिए 61 अरब डॉलर का सैन्य पैकेज की सहायता देने में छह महीना इंतजार किया. जिससे रूस को युद्ध के मैदान में बढ़त हासिल करने में मदद मिली.

 

जो बाइडेन ने आगे कहा कि अमेरिका और अमेरिका के लोग लंबे समय तक यूक्रेन के साथ खड़े हैं. हम अभी भी पूरी तरह से आपके साथ हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका यूक्रेन को लगभग 225  मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता भेजेगा. अधिकारियों के मुताबिक, इस सहायता पैकेज में हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम  या HIMARS के लिए युद्ध सामग्री, साथ ही मोर्टार सिस्टम और आर्टिलरी राउंड शामिल रहेगा.

 

पश्चिमी देशों ने हथियार इस्तेमाल करने की दी अनुमति

रूस के हालिया हमले और यूक्रेन की सेना की बढ़ती मुश्किलों के बीच अपना रुख बदलते हुए अमेरिका सहित कुछ नाटो सहयोगियों ने पिछले सप्ताह कहा था कि वे यूक्रेन को रूस के अंदर लिमिटेड हमले करने के लिए हम अपने हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देंगे. इसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा युद्ध नियंत्रण से बाहर हो सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की गुरुवार को उत्तरी फ्रांस के नॉर्मंडी में डी-डे के 80वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. अभी तक अमेरिका यूक्रेन के लिए युद्धकालीन सहायता का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. यूक्रेन इन हथियारों की मदद से देश के पूर्वी क्षेत्रों में तीव्र रूसी आक्रमण को रोकने की कोशिश कर रहा है.

इस दौरान ज़ेलेंस्की ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए बलिदानों की तुलना अपने देश की वर्तमान लड़ाई के साथ की. जेलेंस्की ने कहा, "यह लड़ाई एक चौराहे की तरह है. यह एक क्षण है जहां अब हम अपने इतिहास को उस तरह से लिख सकते हैं जिस तरह हमें इसकी आवश्यकता है. या यह भी हो सकता है कि हम इतिहास का शिकार बन सकते हैं जैसा कि हमारे दुश्मन की सोच है.

गोला-बारूद की कमी से जूझ रहा यूक्रेन

यूक्रेन गोला-बारूद और सैनिकों की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में रूस आक्रमक तरीके से हमला कर खारकीव क्षेत्र के इलाके में इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है.  यूक्रेन के पास हथियारों में यह कमी अमेरिकी सैन्य सहायता को छह महीने तक सांसद में रोके रखने के कारण आई है. अप्रैल में बाइडेन ने इस सहायता पैकेज को कानून में बदल दिया. इससे अब इस सैन्य सहायता यूक्रेन भेजा जा सकता है. 

पश्चिमी देशों की ओर से हथियारों की डिलीवरी की धीमी गति ने जेलेंस्की को लंबे समय से निराश किया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उकसावे वाले रवैये की वजह से अधिक हार्डवेयर की आपूर्ति करने में बाइडेन की झिझक भी दिखती है. 

यूक्रेन क्रेमलिन की सेना के खिलाफ अपनी लड़ाई को पश्चिमी लोकतांत्रिक स्वतंत्रता और रूसी अत्याचार के बीच संघर्ष के रूप में दर्शाता है. जबकि रूस का कहना है कि वह नाटो सैन्य गठबंधन का पूर्व की ओर होने वाले खतरनाक विस्तार से अपना बचाव कर रहा है.

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