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Storm Shadow और ATACAMS के खौफ से करीब आए रूस-चीन! अमेरिका से अब जंग के मैदान में होगा फैसला?

Storm Shadow ATACAMS: दावा है ये कि इस मिसाइल के सामने बमप्रूफ बंकर भी बेकार हो जाता है. समंदर में तैरता युद्धपोत हो या दुश्मन का कमांड सेंटर. ये एक मिसाइल सारे लक्ष्यों का अकेला जवाब है. जब ये टारगेट की तरफ बढ़ती है तो इसे कंट्रोल रूम की मदद की जरूरत नहीं पड़ती. राडार से बचते हुए ये शिकार ढूंढ लेती है.

Storm Shadow और ATACAMS के खौफ से करीब आए रूस-चीन! अमेरिका से अब जंग के मैदान में होगा फैसला?
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Shwetank Ratnamber|Updated: Sep 15, 2024, 07:33 AM IST

Russia Ukraine War and Putin: यूक्रेन को अमेरिका और यूरोपीय देशों से घातक मिसाइलों का नया गिफ्ट मिल सकता है. इस खबर ने पुतिन की टेंशन बढ़ा दी है. रूस ने सीधे अमेरिका को धमकी दी है. पुतिन ने भी करारा जवाब देने की बात कही है. इस जवाब को लेकर तमाम अटकलें लग रही हैं. दावा किया जा रहा है कि पुतिन का एक्शन अमेरिका (US) को महंगा पड़ सकता है. यूक्रेन को मिल रही अमेरिकी मदद से बौखलाए पुतिन अब कूटनीति के मैदान के बजाए अमेरिका को जंग के मैदान में पटकने को उतावले हैं. ऐसे में रूस ने चीन (Russia China deal) को अपने साथ मिला लिया है.

पुतिन पर भारी पड़ रहा यूक्रेन

यूक्रेन बीते कुछ समय से रूस पर भारी पड़ रहा है. अमेरिका हथियारों के दम पर वो भस्मासुर बनके मौत का तांडव कर रहा है. अमेरिका की एक मिसाइल ने पुतिन की नाक में इतना दम कर दिया कि मानो उन्होंने सीधे बाइडेन को ही देख लेने की धमकी दे डाली है. 

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अटाकैम्स और स्टॉर्म शैडो का खौफ

रूस जिस घातक मिसाइल से परेशान है उसका नाम अटाकैम्स (ATACAMS) है. जो 300 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है. अभी यूक्रेन के पास इस मिसाइल का शॉर्ट वर्जन है. लेकिन दावा है कि जल्द ही अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देश उसे लॉन्ग रेंज वाली मिसाइलें भी दे सकते हैं. लंबी दूरी का सीधा मतलब होगा कि रूस के लिये यूक्रेन के हमलों से बचना मुश्किल हो जाएगा और यूक्रेन की सेना उन इलाकों तक भी हमला कर पाएगी जो अभी उसकी रेंज से दूर हैं. 

हाल में यूक्रेन ने अमेरिका से मिली लंबी दूरी की अटाकैम्स (ATACAMS) मिसाइलों से रूस के कब्जे वाले इलाकों पर कहर बरपाया है. क्रीमिया में लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करके यूक्रेन ने एक रूसी एयरबेस को निशाना बनाया. इस हमले में रूस के कई एयरक्रॉफ्ट नष्ट हो गए. लेकिन आने वाले दिनों में इससे बुरी तस्वीरें रूस से दिख सकती है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि अमेरिका ने चीन के जानी दुश्मन जापान में अपनी लॉन्ग रेंज बैलेस्टिक मिसाइल तैनात करने का फैसला किया है. ऐसी खबरों से चीन के कान खड़े हुए तो उसने फौरन अपनी सेफ्टी के लिए रूस को फोन मिलाया होगा. आज के दौर में दैवीय आपदाओं को छोड़ दिया जाए तो कोई भी बड़ा घटनाक्रम अचानक नहीं होता, उसके पीछे पूरी वेल सेटेल्ड प्लानिंग होती है. करीब महीने भर पहले रूस ने चीन के साथ 'बार्टर' ट्रेड डील की थी. उसके बाद सीमाओं से परे जाकर एक डिफेंस डील की बात की गई तो लोगों के कान खड़े हो गए.

रूस और चीन की नई डिफेंस डील से दुनिया हैरान है. जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट उस डील के पन्नो को खंगाल रहे हैं. कहा जा रहा है ऐसी डिफेंस डील इससे पहले केवल अमेरिका ने नाटो बनाकर की थी. तो क्या अब पुतिन ने चीन से वैसी ही डील करके रूस के खिलाफ यूक्रेन को मिल रही अमेरिका और पश्चिमी देशों की मदद पर जवाबी कार्रवाई का फैसला कर लिया है?

पुतिन की अमेरिका को दो टूक

इस बीच पुतिन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने का मतलब होगा कि अमेरिका और यूरोप सीधे-सीधे उसके खिलाफ युद्ध में शामिल हैं ऐसे में मॉस्को की तरफ से इसका जवाब मिल सकता है. हालांकि पुतिन ने यह नहीं बताया कि रूस का जवाब देने का तरीका क्या होगा.

कहा तो यह भी जा रहा है कि वाले दिनों में तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत रूस और अमेरिका के बीच हो सकती है. 

पुतिन के बयान के मायने और Storm Shadow की ताकत

पुतिन के बयान का मतलब कुछ लोग ये निकाल रहे हैं कि कहीं रूस-यूक्रेन जंग (russia ukraine war) में अमेरिका की सीधी एंट्री तो नहीं होने वाली है? पुतिन की टेंशन की वजह एक और घातक मिसाइल है. जिसका नाम है स्टॉर्म शैडो (Storm Shadow) जो अपने-आप में एक उड़ता कंप्यूटर है. ये मिसाइल फायर एंड फॉरगेट यानी दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है.

बमप्रूफ बंकर भी खत्म

दावा है ये कि ये मिसाइल बम प्रूफ बंकर भी बर्बाद कर देती है. समंदर में तैरता युद्धपोत हो या फिर दुश्मन का कमांड सेंटर. ये एक मिसाइल सारे लक्ष्यों का अकेला जवाब है. जब ये टारगेट की तरफ बढ़ती है तो इसे कंट्रोल रूम से कोई मदद नहीं चाहिए. ये खुद को दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम और राडार से बचते हुए टारगेट ढूंढ लेती है. आसमान में ऊंचाई पर जाकर अपने कैमरे से टारगेट को पहचान करने के बाद अचूक हमला करती है. अटाकैम्स (ATACMS Advanced Military Rocket Technology) का सिस्टम कुल मिलाकर रूस के लिए किसी नए खतरे से कम नहीं है.

समंदर में रूस-चीन का महाअभ्यास

रूस और चीन की नौसेनाएं विशाल युद्धाभ्यास कर रही हैं. ‘Massive Ocean 2024’ नाम की मिलिट्री ड्रिल में 400 से ज्यादा युद्धपोत, पनडुब्बियां, 120 विमान और करीब 90 हजार सैनिक शामिल हैं. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कई बेड़ों और तटीय रक्षा सैन्य स्ट्रक्चर में मिसाइल दागने और समुद्री लक्ष्यों पर गोलीबारी के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं. ये रूस का सोवियत युग के बाद का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास है. इसे देखने के लिए 15 देशों को बुलाया गया है. अमेरिका ने चीन के मुख्य तौर पर हिस्सा लेने पर नाखुशी जताई है. इस बीच, चीनी मरीन 'ऑपरेशन फोर्मोसा 2024' में अमेरिकी और ब्राजीलियाई सेनाओं के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में भी हिस्सा ले रहे हैं.

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