trendingNow11539281
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

स्वीडन में कुरान जलाने पर गुस्से में लाल हुआ तुर्की, रक्षा मंत्री ने लिया ये बड़ा फैसला

Turkey vs Sweden conflict: स्वीडन में हुई इस घटना को लेकर पाकिस्तान ने भी नाराजगी व्यक्त की है. कुरान के अपमान की घटना को पाकिस्तान ने मूर्खतापूर्ण और उत्तेजक इस्लामोफोबिया करार दिया है. 

स्वीडन में कुरान जलाने पर गुस्से में लाल हुआ तुर्की, रक्षा मंत्री ने लिया ये बड़ा फैसला
Stop
Ajit Tiwari|Updated: Jan 22, 2023, 01:34 PM IST

Quran burn in Sweden: तुर्की और स्वीडन के बीच का विवाद गहराता जा रहा है. दोनों देशों के बीच बढ़ती कड़वाहट कुरान जलाने की घटना तक पहुंच गई है. स्वीडन में तुर्की के खिलाफ लगातार तेज हो रहे प्रदर्शन की वजह से तनाव अपने चरम पर है. इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र ग्रंथ कुरान की प्रति को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच की तल्खियां और बढ़ गई हैं. तुर्की ने इस घटना की निंदा करते हुए स्वीडन के रक्षा मंत्री की यात्रा को रद्द कर दिया है.

स्वीडन में हुई इस घटना को लेकर पाकिस्तान ने भी नाराजगी व्यक्त की है. कुरान के अपमान की घटना को पाकिस्तान ने मूर्खतापूर्ण और उत्तेजक इस्लामोफोबिया करार दिया है. पाकिस्तान ने कहा कि ये कृत्य 1.5 अरब मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर माफ नहीं किया जा सकता. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में घृणा से भरे बयान और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने वाले काम शामिल नहीं हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार से जुड़ी जिम्मेदारियां शामिल हैं. पाकिस्तान ने कहा कि इस्लाम शांति चाहने वाला धर्म है, मुस्लिम समाज सभी धर्मों का आदर करने में विश्वास रखता है.

तुर्की ने उठाया ये कदम
तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर ने इस पूरे घटनाक्रम के विरोध में स्वीडन के रक्षा मंत्री पॉल जॉनसन की आगामी यात्रा को रद्द कर दिया है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री की यात्रा का अब कोई मतलब नहीं है, इसलिए अब ये यात्रा नहीं होगी. उन्होंने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि स्वीडन सरकार की तरफ से तुर्की के खिलाफ ऐसे प्रदर्शन के लिए खुली इजाजत दी है इस वजह से ये फैसला लिया गया है.

तुर्की के रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर मुंह बंद करके रखना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे देश और राष्ट्रपति के खिलाफ जिस प्रकार के कृत्य किए गए हैं उनके खिलाफ स्वीडन की सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. यही कारण है कि 27 जनवरी को होने वाली स्वीडन के रक्षा मंत्री की यात्रा को रद्द किया जाता है.

कहां से हुई विरोध की शुरुआत?
रूस के यूक्रेन पर अटैक करने के बाद से ही गैर नाटो देशों में डर का माहौल है. वो किसी भी तरह नाटों में शामिल होना चाहते हैं और स्वीडन भी उन्हीं देशों में से एक है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वीडन ने नाटो में शामिल होने की अर्जी दी थी. लेकिन तुर्की के विरोध की वजह से उसे नाटो में एंट्री नहीं मिल पा रही है. 

दरअसल, नाटो में कोई भी देश तभी प्रवेश पा सकता है जब नाटो में पहले से मौजूद देश उसके लिए सहमति जता दें. तुर्की द्वारा स्वीडन का साथ नहीं दिए जाने की बात पर स्वीडन में स्थित तुर्की के दूतावास के बाहर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. स्वीडन के लोग तुर्की के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद किए हुए हैं.

भारत की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Read More
{}{}