trendingNow11252334
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों को मिला सेना का भी 'साथ', चीफ ऑफ डिफेंस ने किया ये बड़ा ऐलान

Galle Face Protest: एक अन्य आधिकारिक बयान में, फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका ने भी इस समय अरगलया संघर्ष मैदान पर कब्जा करने के लिए एक सैन्य अभियान की अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि, "घबराएं नहीं, शांति और अहिंसक तरीके से अपना संघर्ष जारी रखें."

श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा
Stop
Updated: Jul 11, 2022, 07:23 AM IST

Sri Lanka Galle Face Protests: आर्थिक और राजनीतिक संकट को लेकर श्रीलंका में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने सैन्यकर्मियों द्वारा गाले फेस विरोध की ओर मार्च करने की सोशल मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा के हवाले से कहा कि, “हमारा उस पॉइंट पर हमला करने या लोगों को परेशान करने का कोई प्रयास नहीं है, जैसा कि अब सोशल मीडिया में चल रहा है.” उन्होंने इस तरह की बातों को मनगढ़ंत बताते हुए इनका खंडन किया.

फील्ड मार्शल ने कहा- संघर्ष जारी रखें

दूसरी ओर एक अन्य आधिकारिक बयान में, फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका ने भी इस समय अरगलया संघर्ष मैदान पर कब्जा करने के लिए एक सैन्य अभियान की अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि, "घबराएं नहीं, शांति और अहिंसक तरीके से अपना संघर्ष जारी रखें." राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध 9 अप्रैल को शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. बता दें कि इस विरोध में लगभग देश का हर आदमी जुड़ा हुआ है. अभी डॉक्टर, वकील और अन्य सभी गाले फेस में इकट्ठा हुए हैं और विरोध प्रदर्शनों को अपना समर्थन दे रहे हैं.

सरकार की गलत नीतियों ने किया बंटाधार

भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती के कारण श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. इसके परिणामस्वरूप सरकार के विरोध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. दरअसल, मंदी का कारण COVID-19 महामारी के दौरान पर्यटन में गिरावट के साथ-साथ गलत आर्थिक नीतियों के कारण विदेशी मुद्रा की कमी को दिया जा रहा है. इसके अलावा सरकार की ओर से पिछले साल खेती को लेकर किए गए फैसले को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है. विदेशी मुद्रा की कमी के कारण 2 महीने पहले श्रीलंका दिवालीया घोषित हो चुका है. वहीं, तेल आपूर्ति की कमी ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अगली सूचना तक बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है.

शनिवार को राष्ट्रपति घर पर लोगों ने जमाया डेरा

बता दें कि श्रीलंका में प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदर्शनकारियों द्वारा 2 दिन पहले राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के आधिकारिक घर में घुसने और बाद में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुसने और शनिवार को आग लगाने के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे और पीएम विक्रमसिंघे दोनों ने अपने पद से हटने की घोषणा की थी.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

 

Read More
{}{}