Sheikh Hasina: चीन ने मंगलवार को बांग्लादेश में दूसरे देश के सैन्य हवाई अड्डे को मंजूरी देने से इनकार करने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना की प्रशंसा की. चीन ने कहा कि यह बांग्लादेशी लोगों की मजबूत राष्ट्रीय भावना और स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबत करता है. चीन ने यह तब कहा है कि जब शेख हसीना के एक दावे ने सनसनी मचा दी. उन्होंने दावा किया कि उन्हें 7 जनवरी को हुए चुनाव से पहले ये ऑफर दिया गया था कि यदि वह अपने देश की सीमा में एयरबेस बनाने की अनुमति देती हैं तो उन्हें बिना किसी परेशानी के चुनाव कराने दिया जाएगा.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ नींग ने हसीना के इनकार को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘चीन ने प्रधानमंत्री हसीना के बयान पर संज्ञान लिया है, जो बांग्लादेशी लोगों की स्वतंत्र रहने और बाहरी दबाव से न डरने की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है.’’ बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने पेशकश करने वाले देश के नाम उजागर नहीं किया है लेकिन कहा कि ‘‘प्रस्ताव एक श्वेत व्यक्ति की ओर से आया था’’.
प्रवक्ता माओ ने कहा कि कुछ देश अपने स्वार्थों के लिए दूसरे देशों के चुनावों, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करते हैं, और अपनी आधिपत्यवादी, धमकाने वाली प्रकृति को पूरी तरह से उजागर करते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि चीन, बांग्लादेश का इस लिहाज से दृढ़ता से समर्थन करता है कि वह अपनी संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करे.
हुआ था यह कि हसीना ने किसी देश का नाम लिए बिना रविवार को कहा था कि बांग्लादेश में एक दूसरे देश का सैन्य हवाई अड्डा बनाने की अनुमति देने पर उन्हें सात जनवरी के चुनाव में निर्बाध रूप से दोबारा निर्वाचित कराने में मदद करने की पेशकश की गई थी.
इससे पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें 7 जनवरी के चुनावों के लिए ऑफर दिया गया था कि अगर वह अपने देश के अंदर एयरबेस बनाने की छूट देती हैं, बिना किसी परेशानी के चुनाव करवाने दिया जाएगा. शेख हसीना ने ऑफर देने देश या शख्स का नाम तो नहीं बताया लेकिन उन्होंने दावा किया कि यह प्रपोजल एक 'व्हाइट मैन' की तरफ से आया था.
अब शेख हसीना ने नाम नहीं बताया कि उन्हें ये ऑफर किस देश की तरफ से दिया गया था. लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि यदि वह अपने देश की सीमा में एयरबेस बनाने की अनुमति देती हैं तो उन्हें बिना किसी परेशानी के चुनाव कराने दिया जाएगा. इसके बाद से ही विश्लेषकों के बीच चर्चा है कि आखिर वो देश कौन सा है. कुछ लोगों का मानना है कि वो देश अमेरिका हो सकता है क्योंकि कुछ समय पहले अमेरिका ने ही शेख हसीना सरकार को कई मुद्दों पर घेरा था. फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं है कि हसीना का इशारा किस तरफ था.
बता दें कि हसीना का दक्षिण एशिया में सामरिक रूप से अहम बांग्लादेश में 2009 से शासन है और उन्होंने जनवरी में पांचवे कार्यकाल के लिए जीत दर्ज की. इस चुनाव का पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया नीत मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने बहिष्कार किया था.