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सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में ही मिल जाएगा ईंधन, अमेरिकी कंपनी खोलेगी पेट्रोल पंप, ऐसे करेगा काम

Space News: अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी ऑर्बिट फैब इस गैस स्टेशन को खोलने जा रही है. इसके खुल जाने से लंबी दूरी की अंतरिक्ष यात्रा करने वाले यान सैटेलाइट्स को ईंधन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा

सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में ही मिल जाएगा ईंधन, अमेरिकी कंपनी खोलेगी पेट्रोल पंप, ऐसे करेगा काम
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Zee News Desk|Updated: Apr 28, 2023, 01:05 PM IST

Space Gas Station: अंतरिक्ष में अब जल्द ही एक पेट्रोल पंप खुलने जा रहा है. यह पेट्रोल पंप वैसा नहीं होगा जैसा आप धरती पर देखते हैं. यह तो एक खास तरह का गैस स्टेशन होगा. बता दें यूएस में पेट्रोल पंप को गैस स्टेशन कहते हैं.

अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी ऑर्बिट फैब इस गैस स्टेशन को खोलने जा रही है. इसके खुल जाने से लंबी दूरी की अंतरिक्ष यात्रा करने वाले यान सैटेलाइट्स को ईंधन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि उन्हें अंतरिक्ष में ही ईंधन भरने की सुविधा मिलेगी. कंपनी ने इस रीफ्यूलिंग स्टेशन को नाम दिया है तेनजिंग टैंकर-001.

टैंकर-001 तेनजिंग, एक प्रोटोटाइप स्पेसएक्स द्वारा ट्रांसपोर्टर-2 का उपयोग करके अंतरिक्ष में गया. इस उड़ान का एकमात्र उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या टैंकर एक उपग्रह से दूसरे में ईंधन डाल सकते हैं या नहीं.

माइक्रोवेव के आकार का है टैंकर
तेनजिंग टैंकर-001 माइक्रोवेव के आकार का है. फिलहाल इसका मुख्य काम अर्थ ऑब्जरवेशन और मौसम संबंधी जानकारी देने वाले सैटेलाइट्स में ईंधन भरना है. यह धरती की तस्वीरें भी लेगा. मौसम संबंधी जानकारियां भी देगा. ऑर्बिट फैब के इस यान से ईंधन भरवाने के लिए देश या कंपनी को पैसे चुकाने होंगे.  

तेनजिंग टैंकर-001 में ऐसे सेंसर्स लगे हैं जो ये बताएंगे कि सामने वाले सैटेलाइट में ईंधन पूरा भरा या नहीं. जैसे ईंधन भर जाएगा. यह उस सैटेलाइट से अलग होकर अन्य सैटेलाइट में ईंधन भरने निकल पड़ेगा.

4,000 से अधिक सक्रिय उपग्रह 
यूनियन ऑफ कंसर्नड साइंटिस्ट (Union of Concerned Scientists- UCS) का अनुमान है कि वर्तमान में ग्रह की परिक्रमा करने वाली कक्षा में 4,000 से अधिक सक्रिय उपग्रह हैं. इस दशक के अंत तक, यह संख्या संचार, इंटरनेट, अनुसंधान, नेविगेशन और पृथ्वी अवलोकन के लिए उपयोग किए जाने वाले उपग्रहों सहित 100,000 तक बढ़ने की भविष्यवाणी की गई है.

इतने सारे उपग्रहों का अस्तित्व नए अवसर और जोखिम दोनों पेश करेगा क्योंकि इस सदी के लिए लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) मार्केटिंग का अनुमान लगाया गया है. टकराव को रोकने, सर्विस और मेंटेनेंस के लिए, रीफ्यूलिंग सिस्टम की जरूरत पड़ेगी.  इंजनों में ईंधन भरने से, यह पेट्रोल स्टेशन सैटेलाइट की टक्करों में कमी का भी कारण बनेगा.

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