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UK Vs UK Tea Controversy: चाय में नमक? अमेरिकी साइंटिस्ट की सलाह पर बिदके अंग्रेज, सोशल मीडिया पर जंग

Salt In Tea: एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने परफेक्‍ट चाय का अपना फॉर्म्युला क्या बताया, अंग्रेज मुंह बिचकाने लगे. सोशल मीडिया पर महायुद्ध छिड़ गया है. पूरे विवाद में अमेरिकी दूतावास की एंट्री ने अंग्रेजों की चाय का स्वाद और बिगाड़ दिया है.

UK Vs UK Tea Controversy: चाय में नमक? अमेरिकी साइंटिस्ट की सलाह पर बिदके अंग्रेज, सोशल मीडिया पर जंग
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Deepak Verma|Updated: Jan 25, 2024, 01:56 PM IST

Tea Controversy US vs UK: 'परफेक्ट चाय' का राज क्या है? एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने जब सुझाया कि चुटकी भर नमक कमाल कर सकता है तो अंग्रेज बिदक गए. कहने लगे कि चाय कैसे बनानी है, हमें मत सिखाओ! सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई. ब्रिटिश मीडिया में युद्ध की ललकार होने लगी. कूटनीतिक रिश्तों की चाय में तगड़ा उबाल तब आया जब अमेरिकी दूतावास ने X पर 'अहम बयान' जारी किया. 'हालिया चाय विवाद' पर बयान में US दूतावास ने कहा कि ब्रिटेन की नेशनल ड्रिंक में नमक मिलाना अमेरिका की आधिकारिक नीति नहीं है, न ही कभी होगी. बयान के आखिर में लिखा, 'अमेरिकी दूतावास चाय को तरीके से - माइक्रोवेव में - बनाना जारी रखेगा.' इसके बाद तो अंग्रेज और ज्‍यादा मुंह बिचकाने लगे.

US वैज्ञानिक की सलाह से बिगड़ा अंग्रेजों की चाय की स्‍वाद

पेंसिलवेनिया के ब्रायन मॉर कॉलेज में केमिस्ट्री पढ़ाने वाले मिशेल फ्रैंकल ने चाय में नमक डालने का सुझाव दिया था. उनका मानना है कि चुटकी भर नमक डालने से चाय की कड़वाहट कम होती है. फ्रैंकल का सुझाव अंग्रेजों को बिल्कुल पसंद नहीं आया. ब्रिटिश मीडिया में लेख छपने लगे कि चाय बनाना उन्‍हें आता है, अमेरिकी न सिखाएं! गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'जिस देश में आप नल के गुनगुने पानी से चाय बनाकर पीते हैं, वहां के एक वैज्ञानिक ने परफेक्‍ट चाय की रेसिपी खोजने का दावा किया है.' यूनाइटेड किंगडम में हर रोज करीब 10 करोड़ कप चाय पी जाती है.

जब सोशल मीडिया का विवाद जोर पकड़ने लगे तो लंदन स्थित US एम्बेसी ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया. दूतावास ने मजाकिया लहजे में कहा, 'हम ऐसे किसी बेहूदा प्रस्‍ताव पर चुपचाप खड़े नहीं रह सकते जिससे हमारे खास रिश्ते की बुनियाद को ही खतरा पैदा हो जाए.'

अमेरिका का चाय से है खास कनेक्‍शन

चाय, अमेरिका और ब्रिटेन का सदियों पुराना कनेक्शन है. 1773 में, ब्रिटिश टैक्‍स के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने बॉस्टन में चाय से भरी 300 से ज्यादा पेटियां समुद्र में फेंक दी थीं. वह घटना अमेरिकी क्रांति को हवा देने वाली चिंगारियों में से एक थी.

अमेरिका और ब्रिटेन के रिश्तों में अब आगे क्‍या

अमेरिकी दूतावास तो प्रोफेसर फ्रैंकल की बात नहीं मान रहा है. उसने कहा कि वह चाय 'सही तरीके' से ही बनाएगा यानी माइक्रोवेव करके. जबकि अंग्रेज इस बात पर अड़े हैं कि चाय केवल केतली का उपयोग करके ही बनाई जा सकती है. शायद, उन दोनों को भारत की चाय का स्वाद चखने की जरूरत है. 'परफेक्‍ट चाय' का मजा शायद यहां मिल जाए.

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