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Noodle Crisis: पूरी दुनिया में धीरे-धीरे गहरा रहा 'इंस्टैंट नूडल्स' का संकट, ये है वजह

Noodle Price Hike: दुनिया में नूडल्स के दीवाने कम नहीं हैं. यह काफी पॉपुलर खाद्य पदार्थ है, लेकिन पिछले कुछ समय से दुनियाभर में नूडल्स का संकट बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इसकी कीमत भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.

प्रतीकात्मक इमेज
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Updated: Jun 17, 2022, 01:17 PM IST

Noodle Crisis in World: अगर आप नूडल्स खाना पसंद करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. दुनियाभर में नूडल्स का संकट बढ़ता जा रहा है. इस वजह से इसकी कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. कीमत बढ़ने का कारण दुनिया में गेहूं की बढ़ती लागत, बिजली और परिवहन पर बढ़ता खर्च है. रही सही कसर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से निकल रही है, जो स्थिति को और खराब कर रहा है. इसके अलावा पिछले साल सूखे, बाढ़ और कोरोना की वजह से चीन ने गेहूं की कीमत में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन जो नूडल्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, वह 2 वर्षों में सबसे तेज खाद्य मुद्रास्फीति झेल रहा है.

लगातार बढ़ रही हैं गेहूं की कीमतें

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रकोप और आपूर्ति श्रृंखला में गड़बड़ी के कारण गेहूं की कीमतें पहले ही काफी बढ़ चुकी थीं. हालांकि यूक्रेन में संघर्ष के कारण कीमत नवंबर में लगभग 260 डॉलर प्रति टन से लगभग दोगुनी होकर इस साल मई के मध्य में लगभग 475 डॉलर प्रति टन हो गई है. ऑस्ट्रेलिया में थॉमस एल्डर्स मार्केट्स के एंड्रयू व्हाइटलॉ के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने एक ही झटके में बाजार से 30 प्रतिशत गेहूं के शिपमेंट को बाजार से हटा दिया.

अलग-अलग देशों में दिख रहा असर

चीन की एक कंसल्टेंसी मिस्टील ने बताया है कि इस साल की शुरुआत से चीन पहले ही रिफाइंड आटे की कीमतों में दस फीसदी की बढ़ोतरी देख चुका है. फर्म के मुताबिक, कीमतों में अभी और तेजी आ सकती है. वहीं, नूडल्स के सबसे बड़े प्रति व्यक्ति उपभोक्ता देश दक्षिण कोरिया में गेहूं का आयात मूल्य बढ़कर 400 डॉलर प्रति टन हो गया है, जो पिछले 13 वर्षों में सबसे अधिक है. जापान में सोबा नूडल्स नाम की डिश बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक प्रकार के अनाज की कमी चिंता का कारण बन रही है.

इंडोनेशिया के मंत्री जता चुके हैं चिंता

गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया ने भी "संभावित नूडल शॉक" के बारे में चिंता व्यक्त की है. देश के आर्थिक मंत्री ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में भी इस मुद्दे को उठाया. मेलबर्न विश्वविद्यालय के आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञ डॉ. मेडो पौरेंडर ने भविष्यवाणी की है कि गेहूं की कीमतों में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है. उनके अनुसार, रूस यूक्रेन युद्ध बंद होने के अभी कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, यही वजह है कि अभी नूडल्स का संकट जारी रहेगा.

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