trendingNow11859325
Hindi News >>Explainer
Advertisement

Sanatan Dharm: भारत में बवाल अमेरिका में सनातन धर्म की जय जयकार, हुआ ऐसा फैसला जानकर होगा गर्व

World News: भारत में डीएमके और कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के बीच अमेरिका के एक शहर ने 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है. लुइसविले (केंटुकी) के मेयर ने कई भारतीय धर्मगुरुओं की मौजूदगी के में यह बड़ा ऐलान किया है.

Sanatan Dharm: भारत में बवाल अमेरिका में सनातन धर्म की जय जयकार, हुआ ऐसा फैसला जानकर होगा गर्व
Stop
Shwetank Ratnamber|Updated: Sep 07, 2023, 08:00 AM IST

Sanatana Dharms Controversy: भारत में कुछ नेता सनातन धर्म पर सवाल उठाकर मीडिया कवरेज बटोर रहे हैं. दूसरी ओर पूरी दुनिया में सनातन धर्म की जय जयकार हो रही है. दरअसल G-20 समिट में भारत आने से पहले ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने कहा, ' मुझे अपने पूर्वजों, अपनी जड़ों और भारत से संबंधों पर गर्व है और एक गौरवान्वित हिंदू होने के नाते, मेरा भारत और भारत के लोगों से हमेशा जुड़ाव रहेगा. वहीं दूसरी ओर अमेरिका के लुइसविले (केंटुकी) के मेयर ने शहर में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है.

सनातन धर्म दिवस की घोषणा पर गर्व

अमेरिकी शहर में सनातन धर्म दिवस मनाने का ऐलान करने पर न सिर्फ अमेरिका बल्कि भारत के करोड़ों हिंदुओं को गर्व महसूस हो रहा है. वहीं भारत में कुछ लोग अनादिकाल से चले आ रहे और विश्व कल्याण की भावना रखने वाले सनातन धर्म पर सवाल उठा रहे हैं. लुइसविले में केंटुकी के हिंदू मंदिर में महाकुंभ अभिषेकम उत्सव के दौरान मेयर क्रेग ग्रीनबर्ग की ओर से डिप्टी मेयर बारबरा सेक्स्टन स्मिथ ने तीन सितंबर को सनातन दिवस मनाने की अधिकारिक घोषणा की है.

बड़ी हस्तियों के बीच हुआ ऐलान

इस आयोजन में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर, ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, आध्यात्मिक नेता चिदानंद सरस्वती और भगवती सरस्वती के अलावा वहां लेफ्टिनेंट गवर्नर जैकलीन कोलमैन, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ कीशा डोर्सी समेत कई आध्यात्मिक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया.

दुनियाभर में हैं सनातन धर्म के मंदिर

सनातन धर्म की ध्वाजा पताका पूरी दुनिया में लहरा रही है. भारत की धार्मिक एवं आध्यात्मिक संस्थाओं की शाखाएं पूरी दुनिया में फैली हैं. जिनमें हरिद्वार स्थित शांतिकुंज परिसर से संचालित अखिल विश्व गायत्री परिवार, आर्ट ऑफ लिविंग और चिन्मय मिशन जैसे कई संस्थाओं के सेंटर अमेरिका और यूरोप के कोने-कोने में खुले हैं. अब तो मुस्लिम देशों में भी सनातन हिंदू धर्म के मंदिर बन रहे हैं. वहीं भारत में कुछ लोग सनातन पर सवाल उठा रहे हैं.

कई नेताओं ने दिए विवादित बयान

आपको बताते चलें कि तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने दो सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी. उदयनिधि के बयान का कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने भी समर्थन किया था. इसी तरह कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं ने भी सनातन पर विवादित बयान दिए हैं. हिंदू धर्म को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच कर्नाटक के गृह मंत्री एवं कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने इसकी उत्पत्ति को लेकर ही सवाल उठा दिए थे. 

कांग्रेस नेताओं पर उठे सवाल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पूरे देश के बीजेपी नेताओं ने सनातन की आलोचना को लेकर कांग्रेस आलाकमान से जवाब मांगते हुए कांग्रेस और डीएमके को कटघरे में खड़ा किया है. नड्डा ने कहा, जब दुनिया में भारत की जय जयकार हो रही है तो घमंडिया गठबंधन देश की संस्कृति और हमारे धर्म पर गहरा आघात कर रहा है. इस बीच कई पूर्व न्यायाधीशों और अधिकारियों समेत 250 से ज्यादा प्रबुद्ध नागरिकों ने देश के सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में उदयनिधि के बयान को 'घृणास्पद' करार देते हुए उनसे इसका स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

विवादित बयान पर कायम हैं कलानिधि स्टालिन

कलानिधि स्टालिन ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी बल्कि ये कहा, 'राष्ट्रपति को नई संसद में नहीं बुलाया क्योंकि वो आदिवासी हैं. इसलिए मैंने सनातन को खत्म करने की बात की थी.' उनका साथ कांग्रेस के कई नेता दे रहे हैं. इस बीच तमिलनाडु बीजेपी ने स्टालिन को आईना दिखाते हुए कहा आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति और देश का प्रथम नागरिक बनाया गया और यही सनातन धर्म है. DMK नेता एवं तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के आरोपों का खंडन करते हुए बीजेपी नेता अन्नामलाई ने सवाल किया कि राष्ट्रपति चुनाव में फिर DMK ने उनके लिए वोट क्यों नहीं किया था?

वहीं कई लोगों का कहना है कि विवादित बयान को लेकर कलानिधि पूरे देश में चर्चित हो गए हैं, जबकि इससे पहले उन्हें उत्तर भारत में कोई भी नहीं जानता था.

Read More
{}{}