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नस्लवाद का शिकार हो चुके हैं Rishi Sunak! एशेज टेस्ट सीरीज के दौरान किया खुलासा

Rishi Sunak News: इंग्लैंड में लॉर्ड्स के मैदान पर हुए एशेज टेस्ट सीरीज के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अपने जीवन में वह भी नस्लवादी मानसिकता का सामना कर चुके हैं. शनिवार को बीबीसी (BBC) से बात करते हुए उन्होंने यह बयान दिया.

फाइल फोटो
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Govinda Prajapati|Updated: Jul 02, 2023, 05:26 PM IST

Rishi Sunak On Racism: भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक क्रिकेट के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. शनिवार के दिन वो लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में एशेज टेस्ट श्रृंखला में मौजूद थे. आपको बता दें कि यह सीरीज इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाती है. मैच के दौरान एक इंटरव्यू में ऋषि सुनक के बयान ने सनसनी मचा दी. ऋषि सुनक ने कहा कि वह भी अपने जीवन में नस्लवाद का सामना कर चुके हैं.

क्या है पूरा मामला?

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में एशेज टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच के चौथे दिन कहा कि उन्होंने इस देश में बड़े होने के दौरान नस्लवाद का सामना किया था. पीएम सुनक से शनिवार को बीबीसी के ‘टेस्ट मैच स्पेशल (TMS)’ रेडियो कार्यक्रम में यह बात कही है. इंटरव्यू के दौरान ऋषि सुनक से इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) में सभी स्तर पर नस्लवाद और लिंगभेद के बारे में जारी एक रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था, तब उन्होंने खुद क्रिकेट में इसका सामना करने से इंकार कर दिया.

नस्लवाद का किया सामना

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सवाल के जवाब में कहा कि मैंने क्रिकेट में ऐसा अनुभव नहीं किया है, लेकिन निश्चित रूप से मैंने बड़े होते हुए नस्लवाद का अनुभव किया है. उन्होंने कहा है कि यह आपको गंभीर तरीके से प्रभावित करता है. मैं एक ऐसे पेशे में हूं, जहां मुझे रोजाना, हर घंटे, हर मिनट आलोचना का सामना करना पड़ता है, लेकिन नस्लवाद आपको काफी गंभीर तरीके से प्रभावित करता है. यह बहुत दुख पहुंचाता है.

जताई इस बात की खुशी

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि 'इंडिपेंडेंट कमीशन फॉर इक्विटी इन क्रिकेट (ICEC) की रिपोर्ट उनके जैसे क्रिकेट प्रेमियों के लिए काफी दुखद है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘आश्वस्त’ है कि ECB अपनी रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सही तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा है. उन्होंने देश के पहले ब्रिटिश-भारतीय प्रधानमंत्री बनने को नस्लवाद से निपटने के तौर पर जोड़कर पेश किया. उन्होंने कहा कि आज मुझे इस बात की तसल्ली है कि मुझे बचपन में जिन चीजों का सामना करना पड़ा मेरे बच्चों के साथ वह चीजें नहीं होगी.

(इनपुट: एजेंसी)

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