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'LAC के सम्मान से कोई समझौता नहीं', जयशंकर का चीनी विदेश मंत्री को दो टूक

SCO Summit: एससीओ समिट के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है. आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे. 

'LAC के सम्मान से कोई समझौता नहीं', जयशंकर का चीनी विदेश मंत्री को दो टूक
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Gaurav Pandey|Updated: Jul 05, 2024, 12:23 AM IST

S Jaishankar: एससीओ समिट के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एलएसी को लेकर चीनी विदेश मंत्री को दो टूक कही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि वास्तविक रेखा नियंत्रण (एलएसी) का सम्मान करने के साथ ही सीमा पर शांति सुनिश्चित करना आवश्यक है. इस दौरान दोनों देश पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के प्रयास बढ़ाए जाने पर सहमत हुए.

कजाकिस्तान की राजधानी में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर वांग के साथ हुई बातचीत में जयशंकर ने भारत के इस रुख को फिर दोहराया कि दोनों पक्षों के बीच संबंध पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक हित और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित होने चाहिए.विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में शेष विवादित बिंदुओं से सैनिकों की "पूर्ण वापसी" और संबंधों में सामान्य स्थिति की वापसी की दिशा में बाधाओं को दूर करने के लिए शांति बहाल करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. 

दोनों देशों के बीच हुई अहम चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, जयशंकर और वांग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान तलाशने के वास्ते गहन विचार विमर्श किया ताकि द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता आ सके और संबंधों को नए सिरे से गति मिल सके. जयशंकर ने सीमा प्रबंधन के लिए अतीत में दोनों पक्षों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों और नियमों का पूरी तरह पालन किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. 

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में मुलाकात की. इस दौरान सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की और कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी. 

जयशंकर ने आगे कहा, ‘‘एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है. आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे. भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है. 

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