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उम्‍मीद की आखिरी सड़क RAFAH CROSSING जहां से मौत को मात देकर भागना चाहते हैं गाजा के 23 लाख लोग!

Rafah Crossing News: इजरायल ने गाजा की सख्त घेराबंदी की है. यहां तक कि पानी, बिजली, भोजन और ईंधन की आपूर्ति भी बंद कर दी है. गाजा के 23 लाख लोगों का भविष्य दांव पर लगा है. ऐसे में गाजा तक कोई मानवीय मदद पहुंचाने का एकमात्र रास्ता राफा क्रॉसिंग है हालांकि उसके दरवाजे बंद है. 

उम्‍मीद की आखिरी सड़क RAFAH CROSSING जहां से मौत को मात देकर भागना चाहते हैं गाजा के 23 लाख लोग!
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Zee News Desk|Updated: Oct 19, 2023, 01:20 PM IST

World News in Hindi: इजरायल के हवाई हमलों से गाजा में हर तरफ तबाही का मंजर है. इजरायल ने उत्तरी गाजा के 11 लाख लोगों को शहर छोड़ने का आदेश भी दिया है जिसके बाद से हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी गाजा पट्टी के दक्षिण की ओर बढ़ रहे हैं. उनका लक्ष्य मिस्र में शरण लेना है कि लेकिन क्या ऐसा होना संभव है इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है?

इजरायल ने गाजा की सख्त घेराबंदी की है. यहां तक कि पानी, बिजली, भोजन और ईंधन की आपूर्ति भी बंद कर दी है. गाजा के 23 लाख लोगों का भविष्य दांव पर लगा है. ऐसे में गाजा तक कोई मानवीय मदद पहुंचाने का एकमात्र रास्ता राफा क्रॉसिंग है हालांकि उसके दरवाजे बंद है. लेकिन अब एक उम्मीद जगी है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह ऐलान किया है कि मिस्र के राष्ट्रपति गाजा में मानवीय सहायता सामग्री के 20 ट्रकों की जाने देने के लिए राफा गेट खोलने पर सहमत हो गए हैं.

अभी राफा क्रॉसिंग इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
राफा क्रॉसिंग फिलहाल बंद है. युद्ध शुरू होने के बाद से राफा क्रॉसिंग के आसपास कई हवाई हमलों की सूचना मिली है. मिस्र में शरण लेने के लिए क्रॉसिंग के खुलने की आस में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी यहां इकट्ठा हो रहे हैं. वहीं बॉर्डर की दूसरी तरफ राहत सामग्रियों से लदे ट्रक खड़े हैं.

युद्ध से पहले, इजरायल के साथ लगती दो क्रॉसिंग थीं - इरेज़, (लोगों की आवाजाही के लिए) और केरेम शालोम (माल के लिए), दोनों पर भारी प्रतिबंध लगे थे लेकिन जंग शुरू होने के बाद से ये पूरी तरह से बंद हैं. ऐसे में राफा क्रॉसिंग बाहरी दुनिया के लिए गाजा में जाने या उससे निकलने का एकमात्र प्वाइंट है.

इस क्रॉसिंग का बंद होना जमीनी सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर निर्भर करता है. जबकि इजरायल का क्रॉसिंग पर कोई सीधा नियंत्रण नहीं है, लेकिन मिस्र इसे अक्सर तब बंद करता है जब इजरायल गाजा पर कड़े प्रतिबंध लागू कर देता है.

मिस्र ने गाजावासियों को शरण देने से किया मना 
इजरायली हमलों से बचने के लिए लाखों गाजा निवासी मिस्र में शरण लेने चाहते हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका गाजा में नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों के लिए एक मानवीय गलियारा स्थापित करने के लिए मिस्र पर दबाव डाल रहा है. हालांकि मिस्र ने कहा है कि वह शरणार्थियों को अपने क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं देगा. मिस्र का यह भी कहना है कि राफा क्रॉसिंग के आस-पास बमबारी न की जाए.

मिस्र, जो पहले से ही लाखों प्रवासियों की मेजबानी करता है, अपने क्षेत्र में सैकड़ों हजारों फिलिस्तीनी शरणार्थियों के प्रवेश की संभावना को लेकर असहज है.

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनका देश सीमा के भीतर मदद करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘बेशक, हमें सहानुभूति है. लेकिन सावधान रहना चाहिए, जब हम सहानुभूति रखते हैं, तो हमें शांति और सुरक्षा तक पहुंचने के लिए हमेशा अपने दिमाग का उपयोग इस तरह से करना चाहिए कि हमें ज्यादा खर्च न करना पड़े.’

सामान्य दिनों में राफा के माध्यम से आवाजाही
आम दिनों में राफा क्रॉसिंग से आवाजाही बेहद सीमित होती है. केवल परमिट वाले गाजावासी और विदेशी नागरिक ही गाजा और मिस्र के बीच यात्रा करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. सीमा पार करने के इच्छुक गाजावासियों को अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता है.

सीएनएन के मुताबीक गाजा में रहने वाले सिएटल के एक फिलिस्तीनी अमेरिकी जेसन शावा का कहना है कि इस प्रक्रिया में उन्हें कम से कम 30 दिन लगे लेकिन प्रतीक्षा समय तीन महीने तक चल सकता है.

शावा ने कहा, 'यात्रियों को हमास से निकास परमिट और मिस्र से प्रवेश परमिट की आवश्यकता होती है. इस प्रक्रिया में उन्हें क्षेत्र से बाहर निकलने की अनुमति के लिए हमास के सरकारी कार्यालय में अपने दस्तावेज़ जमा करने होंते हैं. कुछ दिनों बाद, उन्हें एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त होता है जिसमें बताया जाता है कि वे किस दिन जा सकते हैं, जो तीन महीने बाद तक हो सकता है.'

शावा ने बताया, 'प्रस्थान के दिन, एक बस यात्रियों को सीमा के फ़िलिस्तीनी हिस्से से मिस्र की ओर ले जाती है. जहां वीजा आवेदन प्राप्त करने और प्रोसेसिंग के लिए मिस्र के अधिकारियों के लिए घंटों इतंजार करना होता है'. उन्होंने कहा, कई यात्रियों को वहां से लौटा दिया जाता है और फिलिस्तीनियों के साथ वहां नियमित रूप से दुर्व्यवहार किया जाता है.

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