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PM Modi France Visit: भारत को इतनी तवज्जो क्यों दे रहा है फ्रांस, यहां जानिए पीएम मोदी के पेरिस दौरे की अहमियत

Modi France Visit 2023: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) दो दिन के दौरे पर फ्रांस जा रहे हैं. वो फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में 14 जुलाई को शामिल होंगे. इसे बैस्टिल डे परेड (Bastille Day parade) के नाम से भी जाना जाता है. ये दूसरा मौका है, जब फ्रांस ने किसी भारतीय नेता को इस कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ़ ऑनर बनाया है.

PM Modi France Visit: भारत को इतनी तवज्जो क्यों दे रहा है फ्रांस, यहां जानिए पीएम मोदी के पेरिस दौरे की अहमियत
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Shwetank Ratnamber|Updated: Jul 12, 2023, 10:12 AM IST

PM Narendra Modi France visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई से फ्रांस के दो दिन के दौरे पर पेरिस जा रहे हैं. पीएम मोदी फ्रांस की सालाना बैस्टील डे परेड बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद मोदी दूसरे भारतीय पीएम हैं जिन्हें ये सम्मान दिया जा रहा है. इस यात्रा का भारत-फ्रांस के रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. ऐसे कई अहम सवालों का जवाब आपको दें इससे बता दें कि पीएम मोदी का ये दौरा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से तो अहम है ही, भारतीय नौसेना के लिए इस यात्रा का सामरिक महत्व है.

पीएम मोदी के फ्रांस दौरे की अहमियत

बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी को न्योता देना, आज बदलते वैश्विक परिवेश में भारत-फ्रांस के करीबी रिश्तों को बखूबी बताता है. जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक बीते 30 सालों में फ्रांस यूरोप में भारत का सबसे मजबूत साझेदार बनकर उभरा है. रक्षा जरूरतों को पूरा करने की बात हो तो रूस के बाद फ्रांस भारत का सबसे बड़ा दोस्त बनकर भी सामने आया है.

रक्षा सौदों पर बढ़ सकते हैं दोनों देश

पीएम मोदी का दौरा बेहद महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक होने जा रहा है. इसी दौरान दोनों देश रक्षा क्षेत्र में ऐसे समझौतों का भी एलान कर सकते हैं, जिनमें फ्रांस की ओर से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया जाना शामिल हो सकता है. पीएम मोदी अपने इस दौरे में फ्रांस से नौसेना की जरूरतों के लिहाज से तैयार किए गए 26 रफाल विमान खरीदने की घोषणा कर सकते हैं. इन प्रस्तावों में नौसेना के लिए राफेल-एम विमानों के साथ ही 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की भी खरीद भी शामिल है. इस दौरान फ्रांस भारत को कुछ और हथियारों की सप्लाई के लिए बड़ा ऐलान कर सकता है. 

'रणनीति मुद्दों पर हो सकती है बात'

रक्षा सौदों के अलावा पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रो के बीच इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व समेत दक्षिण एशिया के हालात पर बात हो सकती है. क्योंकि क्योंकि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में चीन की चालबाजी और मंशा से भली भांति परिचित हैं. वहीं इस बात की भी संभावना है कि राष्ट्रपति मैक्रों बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठाकर भारत को रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों के साथ खड़े होने की अपील कर सकते हैं. 

रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे

भारत और फ्रांस के बीच का संबंध बीते 25 सालों में तेजी से मजबूत हुए हैं. यानी दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो चुके हैं. आपको बताते चलें कि साल 1998 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति जैक्स शिराक (Jacques Chirac) भारत के दौरे पर आए थे. उस वक्त दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया था.

भारत से सद्भावना रखता है फ्रांस

इतिहास गवाह है कि भारत और फ्रांस के रिश्ते सकारात्मक और पूरक रहे हैं. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक स्तर के साथ-साथ लोगों के बीच करीबी संबंध रहे हैं. फ्रांसीसी लोग एक लंबे समय से भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति आकर्षित रहे हैं. फ्रांस ने कभी भारत के खिलाफ अमेरिका जैसा स्टैंड नहीं लिया. जब पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण को लेकर दुनिया भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगा रही थी तो फ्रांस न्यूट्रल था. शायद यही वजह हो सकती है कि कई सालों से दोनों देशों के रिश्ते अनुकूल रहे हैं. जैसे भारत के कई स्कूलों में फ्रांस की भाषा पढ़ाई जाती है तो फ्रांस के कॉलेजों में योग, आयुर्वेद और दर्शन की चर्चा अक्सर होती रहती है. ऐसे में रक्षा सौदों के अलावा अब दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ाने पर फोकस हो सकता है. जैसे 2010 में फ्रांस और भारत के बीच कारोबार 9 अरब डॉलर का था जो 2021 में 13 अरब डॉलर तक पहुंचा. अब इस कारोबारी आंकड़े को आगे बढ़ाने पर फोकस हो सकता है.

 

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