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Qatar Navy Veterans Case: कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के पीछे पाकिस्तान का हाथ! ये 3 तस्वीरें हैं सबूत

Indian Navy Veterans Sentenced: कतर में 8 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, इसको साबित करने वाली तीन तस्वीरें सामने आ चुकी हैं. आइए पाकिस्तान के खिलाफ उन सबूतों के बारे में जानते हैं.

Qatar Navy Veterans Case: कतर में 8 भारतीयों को मौत की सजा के पीछे पाकिस्तान का हाथ! ये 3 तस्वीरें हैं सबूत
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Pranay Upadhyay|Updated: Oct 28, 2023, 12:40 PM IST

Qatar Indian Navy Veterans Case: कतर (Qatar) में 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाए जाने को लेकर अब पाकिस्तान (Pakistan) का कनेक्शन सामने आया है. ज़ी न्यूज़ के पास 3 एक्सक्लूसिव तस्वीरें हैं. जिनसे पता लग रहा है कि भारतीओं को सजा सुनाए जाने से पाकिस्तान और कतर के सैन्य अफसरों के बीच मुलाकात हुई थी. गौरतलब है कि कतर सरकार ने भारतीयों पर लगाए गए आरोपों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है. पूरे मामले पर शक इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि अल देहरा कंपनी के मालिक ओमानी नागरिक को कतर ने छोड़ दिया जबकि 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई है. इस मामले में पाकिस्तान कनेक्शन होने की गवाही बहुत हद तक ये तीन तस्वीरें दे रही हैं.

भारतीयों के खिलाफ साजिश की पटकथा

पहली तस्वीर में दिख रहा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर और कतर के सेना प्रमुख की 12 अक्टूबर को रावलपिंडी में मुलाकात हुई थी. ज़ी मीडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, इसी मुलाकात में कतर में मौजूद भारतीयों के खिलाफ साजिश की पटकथा लिखी गई थी.

पाकिस्तान और कतर के सैन्य अफसरों की मुलाकात

दूसरी तस्वीर में हम आपको एक तस्वीर दिखाना चाहते हैं. ये तस्वीर जून 2022 की है. इसमें कतर एयरफोर्स के Commander Major General जसीम मोहम्मद और पाकिस्तान के तत्कानी नौसेना प्रमुख Admiral मोहम्मद अमजद नियाजी हैं. 7 जून 2022 को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में, नौसेना हेडक्वार्टर में इन दोनों की मुलाकात हुई थी. इसके दो महीने बाद, यानी 30 अगस्त को कतर में भारतीय नौसैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया था. माना जा रहा है कि पाकिस्तान और ISI के कहने पर ही भारतीय नौसैनिकों पर झूठे आरोप लगाए गए थे.

कतर मामले में ISI की साजिश का सबूत

तीसरी तस्वीर में कतर और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को मुलाकात है. इस वर्ष मार्च महीने में इनकी मुलाकात हुई थी. इन तस्वीरों में कतर के रक्षा मंत्री अल-अत्तियाह भी नजर आ रहे हैं. इस मुलाकात के बाद ही, कतर ने भारतीय नौसैनिकों पर कोर्ट में सुनवाई शुरू की और बंद कमरों में हुई 7 सुनवाइयों में मौत की सजा का ऐलान कर दिया. यानी भारतीय नौसैनिकों के मामले में कतर ने जो भी कदम उठाए हैं, उससे कुछ दिन पहले पाकिस्तानी सेना और ISI से जुड़े लोगों ने कतर के अधिकारियों के साथ मुलाकातें कीं.

ज़ी न्यूज़ के बड़े सवाल ये हैं कि कतर ने आरोप सार्वजनिक क्यों नहीं किए? कतर ने बंद कमरे में सुनवाई क्यों की? तथाकथित जासूसी में कंपनी के मालिक को क्यों छोड़ा? आरोप सामने आते ही कंपनी को बंद क्यों किया? आरोपियों को परिवार से मिलने की इजाजत क्यों नहीं दी? इस बीच ये बात गौर करने वाली है कि क्या 12 अक्टूबर को पाकिस्तान में साजिश रची गई? पाकिस्तान और कतर सेनाध्यक्षों की मीटिंग का एजेंडा क्या था? कतर के आर्मी चीफ पाक आर्मी हेडक्वर्टर क्यों गए थे? सजा के ऐलान से पहले पाकिस्तानी अफसरों से मुलाकात क्यों हुई और जून में कतर एयरफोर्स और पाक नौसेना के अफसर क्यों मिले थे?

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