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Pakistan Politics: इमरान खान दोषी ठहराए गए तो उनकी पार्टी का क्या होगा? क्या बदल जाएगी पाकिस्तानी राजनीति की पूरी तस्‍वीर

Imran Khan: इमरान खान और पीटीआई के अन्य शीर्ष नेता नौ मई की हिंसक घटनाओं और गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे को लेकर सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन से संबंधित मुकदमों का सामना कर रहे हैं.   

Pakistan Politics: इमरान खान दोषी ठहराए गए तो उनकी पार्टी का क्या होगा? क्या बदल जाएगी पाकिस्तानी राजनीति की पूरी तस्‍वीर
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Manish Kumar.1|Updated: Jan 29, 2024, 08:00 AM IST

Pakistan News: पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) पर क्या प्रतिबंध लगाया जा सकता है. एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह दावा किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक खान और पीटीआई के अन्य शीर्ष नेता नौ मई की हिंसक घटनाओं और गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे को लेकर सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन से संबंधित मामलों में दोषी पाए जाते हैं तो ऐसा हो सकता है.

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी फंडिंग की कई वर्षों की जांच के बाद सर्वसम्मति से घोषणा की कि पार्टी को अगस्त 2003 में ‘अवैध राशि’ प्राप्त हुई थी.

इससे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार के लिए पार्टी को भंग करने का अवसर मिल गया. ‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, खान को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया.

ईसीपी के फैसले के शरीफ सरकार को दिया था ये मौका
पिछली शहबाज शरीफ सरकार का हिस्सा रहे उच्च पदस्थ सूत्रों ने शनिवार को ‘द न्यूज’ को बताया कि ईसीपी के फैसले ने उस समय की पीडीएम सरकार को पीटीआई को बैन घोषित करने के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में अपील का मौका दिया था. हालांकि सरकार ने बाद में उचित समय पर इस मामले को उठाने का विकल्प चुना.

पिछली सरकार में कानून और न्याय मंत्री रहे सीनेटर आजम नजीर तरार ने कहा कि सरकार देश को दिवालिया होने से बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी और इस मामले में देरी करने का विकल्प चुना.

सूत्रों ने कहा कि पीटीआई संस्थापक और वर्तमान में विचाराधीन मामलों में शामिल अन्य नेताओं को फैसला सुनाए जाने के बाद पीटीआई पर प्रतिबंध लगाना संभव हो जाएगा.

खान की गिरफ्तारी के बाद हुए थे हिंसक प्रदर्शन
इस्लामाबाद में नौ मई, 2023 को अर्द्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में रावलपिंडी में सेना मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और राज्य भवन या तो क्षतिग्रस्त कर दिए गए या उनमें आग लगा दी गई.

समर्थकों द्वारा नौ मई को की गई हिंसा के बाद पार्टी मुश्किल में पड़ गई. हमले के बाद के दिनों में सैकड़ों दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया और उन पर विभिन्न आरोपों में मामले दर्ज किए गए.

सिफर मामला
‘सिफर’ मामले का संबंध गोपनीय राजनयिक दस्तावेजों के खुलासे से हैं. खान ने 27 मार्च, 2022 को एक सार्वजनिक रैली में अमेरिका का नाम लेते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की एक ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है.

(इनपुट - एजेंसी)

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