PM Modi Swearing-in Ceremony 2024: करीब 70 घंटे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में कई पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता भेजा गया है..कुछ देशों ने शपथग्रहण समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर दी है और उनके प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति 9 जून की शाम को राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहेंगे. हालांकि इस समारोह में पाकिस्तान और चीन को नहीं बुलाया गया है.
शपथ ग्रहण में चीन- पाक को एंट्री नहीं
मोदी 3.0 के शपथग्रहण समारोह में बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के टॉप लीडर्स होंगे लेकिन चीन और पाकिस्तान को एंट्री नहीं मिलेगी. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी इस शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगी. प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना के बीच 5 जून को बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक इस फोन कॉल में ही पीएम मोदी ने शेख हसीना को शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. दिल्ली में बांग्लादेश हाईकमीशन ने भी शेख हसीना के शामिल होने की खबर दी है.
शेख हसीना, पीएम मोदी को बधाई देनेवाली शुरुआती विदेशी नेताओं में एक थीं. इससे पहले जनवरी महीने में शेख हसीना के लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनने पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी थी. अभी बांग्लादेश के अलावा मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका, भूटान और नेपाल को मोदी 3.0 के शपथग्रहण में शामिल होने का न्योता भेजा गया है. अभी तक ये साफ नहीं है कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू इस समारोह में शामिल होंगे या नहीं.
इन नेताओं ने आने की पुष्टि की
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी को चुनावी जीत के बाद फोन करके बधाई दी थी. इसी दौरान कॉल पर मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे रानिल विक्रमसिंघे ने स्वीकार कर लिया. इससे पहले भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक, नेपाल के प्राइम मिनिस्टर पुष्प कमल दहल प्रचंड और मॉरीशस के प्राइम मिनिस्टर प्रविंद जुगनाथ ने पीएम मोदी को फोन करके बधाई दी है. मॉरीशस के पीएम पहले ग्लोबल लीडर थे, जिन्होंने 4 जून को ही पीएम मोदी को चुनाव जीतने की बधाई दी थी.
भारत के ज्यादातर पड़ोसी देशों को शपथग्रहण का निमंत्रण मिल चुका है. हालांकि पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अबतक न्योते का इंतजार कर रहे हैं. 2019 में भी चीन और पाकिस्तान को न्योता नहीं दिया गया था. इसलिये इन्हें बुलावा दिये जाने की उम्मीद ना के बराबर है. इसकी वजह समझिए.
इन देशों के साथ चल रहा तनाव
पाकिस्तान के साथ भारत के राजनयिक संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं. दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है, व्यापार नहीं हो रहा है. पाकिस्तान के खिलाफ भारत के स्टैंड में बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है. यानी जब तक पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देता रहेगा तब तक उसके साथ बातचीत या व्यापार नहीं होगा. गलवान हिंसा के बाद से भारत-चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने की बातचीत चल रही है और विवाद खत्म हुए बिना संबंधों के सामान्य होने की कोई उम्मीद नहीं है.
चीन- पाकिस्तान को लगेगी मिर्ची
अब तक अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और इजरायल सहित दुनिया भर के लगभग 100 देशों के नेता पीएम मोदी को तीसरे कार्यकाल की शुभकामनाएं दे चुके हैं. सभी ने भारत के साथ मिलकर पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने की उम्मीद जताई. इससे पहले 2019 के शपथ ग्रहण समारोह में BIMSTEC देशों के लीडर्स ने हिस्सा लिया था.
वर्ष 2014 के पहले शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी ने SAARC देशों के लीडर्स को न्योता भेजा था. तब पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के साथ अफगान राष्ट्रपति और श्रीलंका के राष्ट्रपति समारोह में शामिल हुए थे. कुल मिलाकर पीएम मोदी के शपथग्रहण में कई बड़े चेहरे दिखाई देंगे और उन्हें देख-देखकर चीन-पाकिस्तान को जरूर मिर्ची लगेगी.
मोदी की ताजपोशी से पाक में हायतौबा
चीन के बाद अब आपको पाकिस्तान से आ रहे बयान सुनने चाहिए...कुछ पाकिस्तानी 4 जून को बड़े खुश थे. उनको लगा कि तीसरी बार मोदी की सरकार नहीं बनेगी...लेकिन अब नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण की तारीख आ चुकी है..दुनिया के कई देशों के नेता इसमें शामिल होंगे..और मोदी की हैट्रिक देखकर पाकिस्तान में हायतौबा मची हुई है.
नरेंद्र मोदी की हैट्रिक लगनेवाली है और ये देख-देखकर कुछ पाकिस्तानियों के सीने पर सांप लोट रहा है. पीएम मोदी को दुनियाभर से बधाई संदेश मिल रहे हैं.. इस समय मोदी को बधाई देनेवाले नेताओं का सैंकड़ा लग चुका है. 9 जून को शपथग्रहण के बाद ये नंबर्स और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे..विदेशी नेताओं के बधाई संदेश देख-देखकर पाकिस्तानी जल-भुन रहे हैं.
आखिर क्यों बिलबिला रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान के जलने की समझिए. जब कुछ महीनों पहले शहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के पीएम बने तो गिनती के विदेशी नेताओं ने उनको बधाई का मैसेज भेजा. ज्यादातर देशों ने शहबाज को सीधे-सीधे इग्नोर कर दिया और अब मोदी को मिल रहे मैसेज की लाइन देखकर पाकिस्तान बिफर गया है. इस्लामाबाद में बैठकर शहबाज और मोदी के शपथग्रहण को कंपेयर किया जा रहा है और ऐसे हर कंपेरिजन में पाकिस्तान की बदनामी दिख रही है.
भारत के चुनावी नतीजों में एक बार फिर से पाकिस्तान ने विवाद ढूंढ लिया है. बिलावल भुट्टो की पार्टी की नेता शेरी रहमान ने एक विवादित बयान दिया है. शेरी रहमान ने कहा कि बीजेपी को अकेले बहुमत नहीं मिला है इसलिए मुसलमान और पाकिस्तान को लेकर उनका स्टैंड बदल जाएगा और भारतीय राजनीति में पाकिस्तान एक एक्सटर्नल फैक्टर बन जाएगा.
पाकिस्तान की कंफ्यूजन समझिए
असल में पाकिस्तान को लगता है कि बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है.. इसलिए भारत का कड़ा स्टैंड कमजोर होगा और वो पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिये मजबूर हो जाएगा. हालांकि ये पाकिस्तान का कंफ्यूजन है क्योंकि दिल्ली में भले ही गठबंधन सरकार बन रही है..लेकिन पाकिस्तान पर स्टैंड बदलने की उम्मीद जीरो परसेंट दिख रही है.