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Pakistan-China: शी जिनपिंग से मिले शहबाज शरीफ, दोनों नेताओं ने इस बड़े मुद्दे पर की चर्चा

Pakistan China Relations: शरीफ की पांच दिवसीय आधिकारिक चीन यात्रा चार जून से शुरू हुई थी. इस दौरान शुक्रवार को दोनों नेताओं ने बीजिंग के ऐतिहासिक ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में गहन चर्चा की.

Pakistan-China: शी जिनपिंग से मिले शहबाज शरीफ, दोनों नेताओं ने इस बड़े मुद्दे पर की चर्चा
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Manish Kumar.1|Updated: Jun 08, 2024, 03:00 PM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बैठक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर चर्चा की. दोनों नेताओं योजना को अपग्रेड करने और  दूसरे चरण में कई अरब डॉलर के प्रोजेक्ट के हाई-क्वालिटी डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.

शरीफ की पांच दिवसीय आधिकारिक चीन यात्रा चार जून से शुरू हुई थी. इस दौरान शुक्रवार को दोनों नेताओं ने बीजिंग के ऐतिहासिक ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में गहन चर्चा की.

दोनों नेताओं के साथ मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी थे. इस साल राष्ट्रपति पद संभालने के बाद शरीफ की राष्ट्रपति शी से यह पहली मुलाकात थी.

सरकारी मीडिया के अनुसार, दोनों नेताओं ने सीपीईसी के अपग्रेड्स और दूसरे चरण में मेगा प्रोजेक्ट के विकास को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई.

क्या है सीपीईसी?
सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है. यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है.

बीआरआई को चीन द्वारा दुनिया भर में चीनी निवेश द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से विदेशों में अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

शरीफ ने कही ये बात
प्रधानमंत्री शरीफ ने 2015 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ऐतिहासिक पाकिस्तान यात्रा को याद किया, जब सीपीईसी को औपचारिक रूप से चालू किया गया था. उन्होंने सीपीईसी के उच्च गुणवत्ता वाले विकास के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता तथा निकट समन्वय के माध्यम से दोनों देशों की विकास रणनीतियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

दोनों नेताओं ने इन मुद्दों पर भी की चर्चा
दोनों नेताओं ने चिर-प्रतिष्ठित 'सर्व-मौसम रणनीतिक सहयोग साझेदारी' को दोहराया और राजनीतिक एवं सुरक्षा से लेकर आर्थिक, व्यापार और लोगों के बीच आदान-प्रदान तक के विविध क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक गहरा करने का संकल्प व्यक्त किया. उन्होंने अफगानिस्तान, फिलिस्तीन और कश्मीर सहित दक्षिण एशिया सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार साझा किए.

(इनपुट – भाषा)

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