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India China: भारत की दो टूक के बाद भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, अरुणाचल प्रदेश पर किया फिर से खोखला दावा

India China Hindi News: भारत का दुनिया में बढ़ता सामर्थ्य चीन से देखा नहीं जा रहा है. वह अरुणाचल प्रदेश में पीएम मोदी के दौरे के बाद से लगातार परेशान चल रहा है. उसकी यह झुंझलाहट उसके बयानों में दिख रही है.   

India China: भारत की दो टूक के बाद भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, अरुणाचल प्रदेश पर किया फिर से खोखला दावा
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Devinder Kumar|Updated: Mar 25, 2024, 11:59 PM IST

India China Latest Updates: दुनिया में जैसे- जैसे भारत का कद और ताकत बढ़ रही है, वैसे- वैसे चीन की बौखलाहट भी बढ़ती जा रही है. उसका यह गुस्सा अब उसके बयानों से भी साफ जाहिर हो रहा है. पीएम मोदी के हालिया अरुणाचल दौरे से चिढ़ा हुआ चीन बार- बार इस मुद्दे पर अपनी झुंझलाहट दिखा रहा है. चीन ने सोमवार को एक बार फिर दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है. हालांकि, भारत ने बीजिंग के दावे को ‘बेतुका’ और ‘हास्यास्पद’ बताकर खारिज करने में देर नहीं लगाई. 
 
'चीन के दावे शुरू से ही बेतुके'

चीन का ताजा गुस्सा भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर के हालिया बयान से भड़का है. सिंगापुर दौरे पर गए जयशंकर ने सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे से जुड़े एक सवाल का जवाब दिया. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा,  ‘यह कोई नया मुद्दा नहीं है. मेरा मतलब है कि चीन ने दावा किया है और उसे ही आगे बढ़ाया है. ये दावे शुरू में भी बेतुके थे और आज भी ये बेतुके ही हैं.’

'भारत और चीन में सीमा मुद्दे पर सहमति नहीं'

जयशंकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इस पर बेहद स्पष्ट रहे हैं और हमारा एकसमान रुख रहा है.’ जयशंकर की दोटूक चीन को पसंद नहीं आई और उसने एक बार फिर अरुणाचल पर अपना दावा दोहराया.  सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर कभी सहमति नहीं बनी है. 

'भारत ने 1987 में बनाया अवैध अरुणाचल प्रदेश'

लिन ने दावा किया कि जंगनान (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीन का आधिकारिक नाम) भारत की ओर से ‘अवैध रूप से कब्जा’ करने से पहले चीन
का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि चीन का हमेशा से इस क्षेत्र पर ‘प्रभावी प्रशासन’ रहा है. प्रवक्ता ने दावा किया कि भारत ने 1987 में, अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र पर ‘तथाकथित अरुणाचल प्रदेश’ का निर्माण किया. 

क्यों बौखलाहट में है चीन?

इस महीने यह चौथी बार है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताया है. हालांकि भारत उसके दावे गीदड़भभकियों से बेफिक्र है. वह पूरी योजना और निर्भीकता के साथ हिमालय से लेकर समुद्र में अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत कर रहा है बल्कि अपनी आर्थिक नीतियों में लचीलापन लाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. जिससे चीन को बड़ी चोट पहुंच रही है. यह वह दर्द है, जिसे वह जाहिर भी नहीं कर पा रहा है.

भारत की जवाबी तैयारी देख छूट रहे पसीने

पिछले 4 साल से उसने पूर्वी लद्दाख में 50 हजार से ज्यादा सैनिक और भारी हथियार तैनात कर रखे है. इसके जवाब में भारत ने भी इतने ही सैनिक और हथियार वहां पर लगा रखे हैं. भारत की जवाबी तैयारी देखकर चीन के पसीने छूट रहे हैं. वह न तो आगे बढ़ने की हिम्मत जुटा पा रहा है और न ही शर्मिंदगी की वजह से पीछे हट पा रहा है. वह अच्छी तरह जानता है कि अगर उसने कोई दुस्साहस किया तो लद्दाख मिले या न मिले, उसे तिब्बत जरूर खोना पड़ सकता है. 

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