Pakistan : पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार (27 फरवरी ) को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा को 19 करोड़ पाउंड के अल कादिर भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया है.
58 गवाहों के बयान किए जाएंगे दर्ज
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भ्रष्टाचार के एक और मामले में दोषी पाए गए हैं. न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में सुनवाई की. न्यायाधीश ने अदालत कक्ष में इमरान खान और बुशरा की उपस्थिति में आरोप पत्र पढ़ा. एक रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि मामले में 58 गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे.
न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में सुनवाई की. न्यायाधीश ने अदालत कक्ष में इमरान खान और बुशरा की उपस्थिति में आरोप पत्र पढ़ा. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों नहर भूमि के कथित अधिग्रहण के संबंध में इमरान खान और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच शुरू की थी. जांच में 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार की खबर सामने आई है
छह मार्च तक सुनवाई स्थगित
न्यायाधीश ने खान के खिलाफ आरोप तय करते समय उनसे पूछा कि क्या वह दोषी हैं या नहीं. इस सवाल का जवाब देते हुए इमरान खान ने कहा, "मुझे आरोप पत्र क्यों पढ़ना चाहिए जब मुझे पता है कि इसमें क्या लिखा है. इसके बाद खान और उनकी पत्नी, दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया. अदालत ने सुनवाई छह मार्च तक के लिए स्थगित कर दी और एनएबी के पांच गवाहों को भी सुनवाई में शामिल होने का आदेश दिया है.
अल-कादिर ट्रस्ट मामला 19 करोड़ पाउंड के निपटान से संबंधित है, जिसे ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने पाकिस्तान के दिग्गज कारोबारी मलिक रियाज हुसैन से वसूली के बाद पाकिस्तान भेजा था.
उस समय प्रधानमंत्री होने के नाते खान ने राष्ट्रीय खजाने में पैसा जमा कराने के बजाय, व्यवसायी को कुछ साल पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाए गए लगभग 450 अरब रुपये के जुर्माने का आंशिक भुगतान करने के लिए राशि का उपयोग करने की अनुमति दे दी थी.
इसके बदले में कारोबारी ने पंजाब के झेलम जिले के सोहावा इलाके में अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा स्थापित ट्रस्ट को लगभग 57 एकड़ जमीन उपहार में दी थी.
हुसैन, उनके बेटे अहमद अली रियाज, मिर्जा शहजाद अकबर और जुल्फी बुखारी भी इस मामले में शामिल हैं, लेकिन जांच और उसके बाद की अदालती कार्यवाही में शामिल होने के बजाय वे फरार हो गए और बाद में उन्हें अपराधी घोषित कर दिया गया.