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Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड ने इस कदम से रूस को दिखाई आंखें, मॉस्‍को ने कहा- ये पागलपन है

Poland announcement on Kaliningrad: रूसी क्षेत्र कैलिनिनग्राद लंबे समय से मॉस्को और यूरोपीय संघ (EU) के बीच तनाव का एक फ्लैशपॉइंट बना हुआ है. पोलैंड (Poland) ने इसे लेकर अब जो ऐलान किया है उससे रूस (Russia) बुरी तरह से भड़क गया है. 

Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड ने इस कदम से रूस को दिखाई आंखें, मॉस्‍को ने कहा- ये पागलपन है
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Shwetank Ratnamber|Updated: May 11, 2023, 09:33 AM IST

Poland rename Kaliningrad as Konigsberg Russia fury: करीब 15 महीनों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraien war) की वजह से लंबे समय से पूरे इलाके की शांति को खतरा बना हुआ है. नाटो (NATO) सहयोगी होने की वजह से यूक्रेन के सुख-दुख का साथी पोलैंड (Polnand) बीच-बीच में रूस को आंखे दिखाता रहता है. ताजा मामले में पोलैंड की सरकार ने रूस के एक शहर कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) को लेकर ऐसा ऐलान किया है, जिससे रूस और उसके शक्तिमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) बुरी तरह से भड़क गए हैं.

पोलैंड ने बदला रूस के शहर का नाम!

मॉस्को की नाराजगी की वजह यह है कि पोलैंड की सरकार ने कहा कि वह रूस के पड़ोसी एन्क्लेव कलिनिनग्राद (रूसी शहर) को कलिनिनग्राद कहकर बुलाना बंद कर देगी और अब इस क्षेत्र को उसके ऐतिहासिक पुराने नाम कोनिग्सबर्ग (पोलिश में 'क्रोलेविएक') से संबोधित किया जाएगा. पोलैंड सरकार के इसी फैसले को मॉस्को ने 'पागलपन' करार दिया है.

बाल्टिक सागर तट पर स्थित कलिनिनग्राद (रूसी एक्सक्लेव) के लिए पोलिश सरकार द्वारा एक अलग नाम का उपयोग करने की सलाह देने के बाद क्रेमलिन ने काफी उग्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इस फैसले की वजह रूस का यूक्रेन पर हमला मानी जा रही है.  

ये उकसावे वाली कार्रवाई और शत्रुतापूर्ण काम: रूस

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, 'हम जानते हैं कि इतिहास भी इस बात का गवाह रहा है कि पोलैंड समय-समय पर रूसियों के प्रति नफरत के इस पागलपन में फिसलता रहा है. इसलिए ये निर्णय पागलपन की सीमा होने के साथ रूस के खिलाफ की गई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई है.'

कैलिनिनग्राद को लेकर क्यों क्रेजी है रूस?

कैलिनिनग्राद रूस का एक इलाका है जो रूस का होकर भी उससे काफी दूर है. ये क्षेत्र पूरी तरह से अन्य देशों से घिरा हुआ है. यह बाल्टिक सागर के दक्षिणी तट पर पड़ता है और लिथुआनिया और पोलैंड के बीच स्थित है. कैलिनिनग्राद रूस के लिए सैन्य रूप से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका बंदरगाह शहर बाल्टिस्क मॉस्को का बाल्टिक सागर पर एकमात्र बंदरगाह है जहां पूरे साल बर्फ नहीं पड़ती है.

कैलिनिनग्राद का भूगोल

223 वर्ग किलोमीटर में फैला कैलिनिनग्राद भारत के किसी मेट्रो शहर जितने आकार का है जहां करीब 11 लाख लोग रहते हैं. यहां रहने वालों में अधिकांश लोग रूसी हैं, इसके अलावा यहां यूक्रेनियन, बेलारुसियन, लिथुआनियाई और जर्मन मूल के लोग रहते हैं.

कैलिनिनग्राद का इतिहास ये रूस का हिस्सा कैसे बना?

कैलिनिनग्राद का इतिहास जर्मनी (Germany) और रूस (Russia) से जुड़ा हुआ है. इस इलाके का नाम बोल्शेविक क्रांतिकारी मिखाइल कलिनिन के नाम पर पड़ा, जिन्होंने 1919 से 1946 तक सोवियत संघ के राज्य प्रमुख के रूप में काम किया था. 1945 तक ये क्षेत्र जर्मन शहर कोनिग्सबर्ग के नाम से जाना जाता रहा था. इस क्षेत्र में जर्मन विरासत के निशान अभी भी हैंजैसा कि ब्रैंडेनबर्ग गेट में देखा जा सकता है, जिसे 1657 में क्षेत्र के किलेबंदी के हिस्से के रूप में बनाया गया था. 

इस इलाके को एक बार पूर्वी प्रशिया की राजधानी भी बनाया गया था. जर्मन दार्शनिक इमैनुएल कांट का जन्म वहीं हुआ था. उस दौरान ये शहर जर्मनी के कब्जे में था. हालांकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी ने इसे सोवियत संघ को सौंप दिया. कैलिनिनग्राद सोवियत नियंत्रण के तहत सबसे अधिक सैन्यीकृत और क्लोज्ड-ऑफ हिस्सा था.

रूस के लिए ये जगह आर्थिक और सामरिक रूप दोनों से महत्वपूर्ण है. इसलिए उसने पोलैंड सरकार के बयान पर फटकार लगाई है.

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