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इस देश में अंग्रेजी पर बैन की तैयारी, उल्लंघन करने पर लग सकता है 89 लाख रुपये तक का जुर्माना

Italy News: बिल को अभी तक संसदीय चर्चा के लिए अभी नहीं लाया गया है. यह बिल आधिकारिक दस्तावेज़ों में स्थानीय व्यवसायों में नौकरी के पदों के लिए ‘संक्षिप्त शब्दों और नाम’ के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाता है.

Courtesy- Instagram/ giorgiameloni
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Zee News Desk|Updated: Apr 03, 2023, 12:53 PM IST

English Language:  इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी द्वारा प्रस्तावित एक नए कानून के तहत, आधिकारिक संचार में अंग्रेजी और अन्य विदेशी शब्दों का उपयोग करने वाले इतालवी लोगों पर 100,000 यूरो (82,46,550 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. बिल को फैबियो रामपेली द्वारा पेश किया गया, जो निचले कक्ष के सदस्य हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिल इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी द्वारा समर्थित है.

हालांकि इंटली के कानून में सभी विदेशी भाषाओं को शामिल किया गया है, नए बिल में विशेष रूप से ‘एंग्लोमेनिया’ या अंग्रेजी शब्दों के उपयोग को टारगेट किया है .मसौदा के मुताबिक अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल इतालवी भाषा का अपमान  है. लोक प्रशासन में पद धारण करने वाले किसी भी व्यक्ति को ‘इतालवी भाषा का लिखित और मौखिक ज्ञान और निपुणता’ प्राप्त करने की आवश्यकता होगी.

संक्षिप्त शब्दों पर भी रोक का प्रस्ताव
बिल को अभी तक संसदीय चर्चा के लिए नहीं लाया गया है. यह बिल आधिकारिक दस्तावेज़ों में स्थानीय व्यवसायों में नौकरी के पदों के लिए ‘संक्षिप्त शब्दों और नाम’ के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कानून के एक मसौदे के अनुसार, विदेशी कंपनियों को सभी आंतरिक नीतियों और रोजगार अनुबंधों के इतालवी-भाषा संस्करणों की आवश्यकता होगी. सीएनएन के अनुसार मसौदा बिल कहता है, "यह केवल फैशन की बात नहीं है, क्योंकि  फैशन बीत जाता है, लेकिन एंग्लोमेनिया का पूरे समाज पर प्रभाव पड़ता है.’

'इतालवी सभी कार्यालयों में प्राथमिक भाषा होनी चाहिए'
बिल के पहले आर्टिकल के अनुसार, इतालवी सभी कार्यालयों में प्राथमिक भाषा होनी चाहिए, उनके लिए भी जिन्हें गैर-इतालवी विदेशियों से संचार करना है. इसके अलावा, आर्टिकल 2 के अनुसार इतालवी को ‘राष्ट्रीय क्षेत्र में सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं के प्रचार और उपयोग के लिए अनिवार्य" बनाया जाएगा और ऐसा करने में विफल रहने पर 5,000 यूरो (4,44,924 रुपये) से लेकर 100,000 यूरो (82,46,550 रुपये) तक का जुर्माना हो सकता है.

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