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जो किसी देश के लिए नहीं किया...मालदीव को भारत ने दी ऐसी सौगात; पूरी दुनिया देखती रह गई

India Maldives Conflict: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात की इजाजत दी गई है. 

जो किसी देश के लिए नहीं किया...मालदीव को भारत ने दी ऐसी सौगात; पूरी दुनिया देखती रह गई
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Rachit Kumar|Updated: Apr 05, 2024, 08:13 PM IST

India-Maldives Export: भले ही मोहम्मद मोइज्जू के सत्ता संभालने के बाद मालदीव और भारत के संबंधों में खटास आई हो लेकिन फिर भी भारत ने हमेशा रिश्ते संभालने की ही कोशिशें की हैं. इस बीच शु्क्रवार को भारत ने मालदीव को बड़ी राहत दी है. भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी कुछ चीजों की खास मात्रा के एक्सपोर्ट पर बैन शुक्रवार को हटा दिया. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात की इजाजत दी गई है. 

मालदीव को मिलेगी छूट

डीजीएफटी ने कहा, 'मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, बजरी और नदी की रेत के निर्यात की इजाजत दी गई है. मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को किसी भी मौजूदा या भावी प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी.' आमतौर पर इन चीजों के एक्सपोर्ट पर या तो पूरी तरह बैन है या सीमित निर्यात की इजाजत है. निर्यात के लिए तय मात्रा में आलू (21,513.08 टन), प्याज (35,749.13 टन), चावल (1,24,218.36 टन), गेहूं का आटा (1,09,162.96 टन), चीनी (64,494.33 टन), दाल (224.48 टन), बजरी (10 लाख टन) और नदी की रेत (10 लाख टन) शामिल है.

दरअसल मालदीव को जो सामान भेजा जाएगा,वह साल 1981 के बाद सबसे ज्यादा होगा. दरअसल मोदी सरकार ने कीमतों को काबू में रखने के लिए प्याज, चावल और चीनी जैसी चीजों के निर्यात पर रोक लगाई हुई है. लेकिन बैन के बावजूद सरकार ने मालदीव को राहत देते हुए इन चीजों की सप्लाई जारी रखेगा. 

क्यों भारत ने उठाया ये कदम

दरअसल, भारत अपनी नेबर्स फर्स्ट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया है. भारत चाहता है कि उसके पड़ोसियों के साथ संबंध और बेहतर हो. पिछले साल भी मालदीव को भारत ने प्याज और चीनी की सप्लाई जारी रखी थी. बीते कुछ समय से भारत और मालदीव के संबंधों में खटास आई है. लेकिन बावजूद इसके भारत ने मालदीव की मदद की है. मोहम्मद मोइज्जू ने जब से सत्ता संभाली है तो इंडिया आउट की नीति अपनाई है. इसके बाद भारत ने अपने 88 जवानों को वहां से हटाने का कदम उठाया है. भारतीय जवानों का पहला बैच पिछले महीने वापस आ चुका है.  

 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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