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Top Hamas leader Killed in Iran: इस्माइल हनियेह- इजरायल का नंबर 1 टारगेट, हमास का उदारवादी चेहरा, जानें कौन था?

Ismail Haniyeh Killed in Tehran: ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि इस्माइल हनीयेह उनके आवास में एक ईरानी अंगरक्षक के साथ निशाना बनाया गया. वह राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए ईरान गए थे.

Top Hamas leader Killed in Iran: इस्माइल हनियेह- इजरायल का नंबर 1 टारगेट, हमास का उदारवादी चेहरा, जानें कौन था?
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Manish Kumar.1|Updated: Jul 31, 2024, 10:35 AM IST

Who Was Ismail Haniyeh? ईरान में मारे गए हमास नेता इस्माइल हनीयेह, गाजा में युद्ध के दौरान फिलिस्तीनी ग्रुप की इंटरनेशनल डिप्लोमेसी का चेहरा माने जाते थे. अपनी तीखी बयानबाजी के बावजूद, उन्हें हमास के अधिक कट्टरपंथी सदस्यों की तुलना में उदारवादी के रूप में देखा गया था. 2017 में हमास के शीर्ष पद पर नियुक्त होने के बाद, हनियेह तुर्की और कतर की राजधानी दोहा के बीच घूमते रहे, जिससे वे नाकाबंदी वाले गाजा पट्टी के यात्रा प्रतिबंधों से बच गए और युद्धविराम वार्ता में वार्ताकार के रूप में काम करने या हमास के सहयोगी ईरान से बात करने के काबिल बने रहे. 

7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर अपना सबसे बड़ा हमला किया, इसकेतुरंत बाद कतर स्थित अल जजीरा टेलीविजन पर हनियेह ने घोषणा की, 'आपने (अरब देशों ने) (इजरायल) के साथ जो भी समझौते किए हैं, वे इस संघर्ष को समाप्त नहीं करेंगे.' 

इस हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा में मिलिट्री ऑपरेशन की घोषणा कर दी जिसमें फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक अब तक गाजा के अंदर 35,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. 

इजरायल ने नहीं की मौत पर कोई टिप्पणी
हमास ने हनियेह की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया हालाकि इजरायल ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. जब बात इजरायल की मोसाद खुफिया एजेंसी द्वारा की गई हत्याओं की आती है तो वह अक्सर ऐसा नहीं करता है.  एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी स्टेट टेलीविजन पर विश्लेषकों ने भी हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराना शुरू कर दिया है.

सीबीएस न्यूज के मुताबिक इजरायल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद हनियेह और हमास के अन्य नेताओं को मारने की कसम खाई थी। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था।

अप्रैल में मारे गए तीन बेटे और पोते-पोतियां 
कुछ महीनों पहले एयर स्ट्राइक में हनियेह के तीन बेटे मारे गए थे. हमास के मुताबिक हनियेह के तीन बेटे - हेज़म, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए, जब एक इजरायली एयर स्ट्राइक में उनकी कार पर हमला हुआ. हमास ने कहा कि हमले में हनियेह ने अपने चार पोते-पोतियों, तीन लड़कियों और एक लड़के को भी खो दिया. 

हनियेह ने इजरायल के इस दावे का खंडन किया कि उनके बेटे हमास के लिए लड़ाके थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके बेटों की हत्या से युद्धविराम वार्ता पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि 'फिलिस्तीनी लोगों के हितों को हर चीज से ऊपर रखा जाता है.'

क्यों माना जाता था उदारवादी चेहरा?
सार्वजनिक रूप से कठोर भाषा के बावजूद, अरब राजनयिकों और अधिकारियों ने उन्हें गाजा के अंदर अधिक कट्टरपंथी आवाजों की तुलना में अपेक्षाकृत व्यावहारिक माना. उन्होंने कतर की मध्यस्थता से इजरायल के साथ युद्ध विराम समझौते पर बातचीत के लिए पूरे क्षेत्र का दौरा किया. समझौते में इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनियों के बदले बंधकों की अदला-बदली और गाजा के लिए और अधिक मदद शामिल थी. बता दें इजरायल पूरे हमास लीडरशिप को आतंकवादी मानता है और उसने हनीयेह, मेशाल और अन्य पर 'हमास आतंकवादी संगठन के तार खींचने' का आरोप लगाया है. 

7 अक्टूबर के हमले के बारे में कितनी थी जानकारी
यह साफ नहीं है कि 7 अक्टूबर के हमले के बारे में हनियेह को पहले से कितना पता था. गाजा में हमास की सैन्य परिषद द्वारा तैयार की गई यह योजना इतनी गुप्त रखी गई थी कि हमास के कुछ अधिकारी इसके समय और पैमाने से हैरान थे. फिर भी, सुन्नी मुस्लिम हनियेह ने हमास की युद्ध क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई, आंशिक रूप से शिया मुस्लिम ईरान के साथ संबंधों को बढ़ावा देकर. बता दें तेहरान हमास के लिए अपने समर्थन को नहीं छिपाता है. 

हनियेह जिस दशक में गाजा में हमास के शीर्ष नेता थे, उस दौरान इजरायल ने उनके नेतृत्व वाली टीम पर मानवीय मदद को ग्रुप की मिलिट्री विंग में भेजने आरोप लगाया था. हालांकि हमास ने इससे इनकार किया था. 

खामेनेई से मुलाकात
ईरानी राज्य मीडिया के मुताबिक हनियेह नवंबर की शुरुआत में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मिलने के लिए तेहरान गए थे. तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि खामेनेई ने उस बैठक में हमास नेता से कहा था कि ईरान युद्ध में शामिल नहीं होगा क्योंकि उसे पहले से इस बारे में नहीं बताया गया था. हालांकि हमास ने रिपोर्ट इसके प्रकाशन के बाद इस दावे से इनकार किया. 

हमास के राजनीतिक ब्यूरो के अध्यक्ष
हनियेह ने 2017 में गाजा छोड़ा, तो याह्या सिनवार उनके उत्तराधिकारी बने, जो एक कट्टरपंथी थे, जिन्होंने दो दशक से अधिक समय तक इजरायली जेलों में बिताया और जिनका हनियेह ने 2011 में कैदियों की अदला-बदली के बाद गाजा में स्वागत किया था. 

द गार्डियन के मुताबिक इस्माइल हनीयाह आधिकारिक तौर पर समूह के राजनीतिक ब्यूरो के अध्यक्ष थे और निर्वासन में रहते थे, जबकि याह्या सिनवार गाजा में हमास के नेता हैं और कथित तौर पर 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के मास्टरमाइंड थे. खालिद मशाल भी हमास के एक प्रमुख राजनीतिक नेता हैं जो निर्वासन में रहते हैं. 

कतर विश्वविद्यालय में फिलिस्तीनी मामलों के विशेषज्ञ अदीब जियादेह ने अपनी मृत्यु से पहले एक बयान में कहा था, 'हनियेह का ग्रुप और मिलिट्री विंग में अधिक कट्टरपंथी हस्तियों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध है. वह हमास का राजनीतिक और कूटनीतिक चेहरा है.'

छात्र जीवन से ही थे सक्रिय
हनियेह गाजा शहर में इस्लामिक यूनिवर्सिटी में एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट थे. 1987 में प्रथम फिलिस्तीनी इंतिफादा (विद्रोह) के दौरान जब हमास का गठन हुआ, तो वे उसमें शामिल हो गए. उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और कुछ समय के लिए निर्वासित कर दिया गया. 

हनियेह हमास के संस्थापक शेख़ अहमद यासीन के शिष्य बन गए, जो हनियेह के परिवार की तरह ही अश्कलोन के पास अल जुरा गांव के शरणार्थी थे. 

2003 तक वे यासीन के एक विश्वसनीय सहयोगी बन गए थे. यासीन के गाजा स्थित घर में उनकी तस्वीर खींची गई थी, जिसमें हनियेह लगभग पूरी तरह से लकवाग्रस्त हमास संस्थापक के कान पर फोन पकड़े हुए थे ताकि वे बातचीत में भाग ले सकें. यासीन की 2004 में इजरायल द्वारा हत्या कर दी गई थी. 

हमास के राजनीति में प्रवेश के समर्थक 
हनियेह हमास के राजनीति में प्रवेश के शुरुआती समर्थकों में से एक थे.1994 में, उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी बनाने से 'हमास को उभरते घटनाक्रमों से निपटने में मदद मिलेगी.' शुरू में हमास नेतृत्व द्वारा इसे खारिज कर दिया गया था, बाद में इसे मंजूरी दे दी गई. 

2006 में इजरायल की सेना के गाजा से हटने के एक साल बाद ग्रुप द्वारा फिलिस्तीनी संसदीय चुनाव जीतने के बाद हनियेह फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री बन गए. इसके बाद हमास ने 2007 में गाजा पर नियंत्रण कर लिया

2012 में, जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या हमास ने सशस्त्र संघर्ष छोड़ दिया है, तो हनियेह ने जवाब दिया 'बिल्कुल न' और कहा कि प्रतिरोध 'सभी रूपों में - लोकप्रिय प्रतिरोध, राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य प्रतिरोध' जारी रहेगा.

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