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Germany Economic Crisis: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी पर मंदी की मार, देश में मचा हाहाकार

Recession in Germany: स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने कहा, साल की शुरुआत में चीजों की कीमतें ज्यादा रहने के कारण अर्थव्यवस्था पर बोझ बना रहा. कुल मिलाकर, पहली तिमाही में घरेलू खर्च में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई. साथ ही खरीदार भोजन, कपड़े और फर्नीचर पर खर्च करने को तैयार नहीं थे.

Germany Economic Crisis: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी पर मंदी की मार, देश में मचा हाहाकार
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Rachit Kumar|Updated: May 25, 2023, 04:36 PM IST

Europe Economy: यूरोप के कई देश आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं. इसी फेहरिस्त में अब एक नाम जर्मनी का भी जुड़ गया है. महंगाई का दबाव झेल रही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी जर्मनी आर्थिक मंदी के चाबुक खा रही है. गुरुवार को आए आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली है. गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के फेडरल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के संशोधित आंकड़ों से पता चलता है कि साल की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर शून्य से 0.3 प्रतिशत नीचे रही. इससे पहले दिसंबर 2022 में खत्म तिमाही में विकास दर शून्य से 0.5 प्रतिशत कम रही थी. तकनीकी रूप से लगातार दो तिमाहियों में विकास दर शून्य से नीचे रहने पर देश में आर्थिक मंदी मानी जाती है.

अप्रैल में जारी शुरुआती अनुमानों में कहा गया था कि साल की पहली तिमाही में विकास दर शून्य पर रही है और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी आर्थिक मंदी से बाल-बाल बच गया. लेकिन आज जारी संशोधित अनुमान में अर्थव्यवस्था में 0.3 प्रतिशत की गिरावट की बात सामने आई है.

तकनीकी मंदी में जर्मनी की इकोनॉमी

डच बैंक आईएनजी के कास्र्टन ब्रजेस्की ने कहा, इसमें कुछ स्टैटिस्टिकल सुधार हुए, लेकिन जर्मन अर्थव्यवस्था में इस सर्दी के मौसम में वही हुआ जिसका डर हमें पिछली गर्मियों से सता रहा था. यह एक तकनीकी मंदी की चपेट में आ गई है.

गार्जियन के अनुसार,स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के निवेश और निर्माण में साल की शुरुआत में इजाफा हुआ, यह उपभोक्ता खर्च में गिरावट के कारण आंशिक रूप से पटरी से उतरा हुआ था क्योंकि महंगाई के कारण आम परिवार बचत के लिए मजबूर हुए हैं. स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने कहा, साल की शुरुआत में चीजों की कीमतें ज्यादा रहने के कारण अर्थव्यवस्था पर बोझ बना रहा.

कुल मिलाकर, पहली तिमाही में घरेलू खर्च में 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई. साथ ही खरीदार भोजन, कपड़े और फर्नीचर पर खर्च करने को तैयार नहीं थे. सरकारी खर्च में भी पिछली तिमाही की तुलना में 4.9 फीसदी की गिरावट आई है.

(इनपुट-IANS)

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