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George Galloway: कौन हैं जॉर्ज गैलोवे? जिन्होंने गाजा का दर्द दिखा 4000 KM दूर जीत लिया चुनाव

Who is George Galloway: अपनी जीत के बाद गैलोवे ने कहा, 'मेरा मानना है कि मैं ब्रिटेन के उन लाखों लोगों की तरफ से बोल रहा हूं जिनके दिल टूट गए हैं, जिनकी आत्माएं गाजा में नरसंहार से आहत हैं.' 

George Galloway: कौन हैं जॉर्ज गैलोवे? जिन्होंने गाजा का दर्द दिखा 4000 KM दूर जीत लिया चुनाव
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Manish Kumar.1|Updated: Mar 02, 2024, 10:43 AM IST

George Galloway News:  यूनाइटेड किंगडम के एक वामपंथी राजनेता जॉर्ज गैलोवे चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने गाजा के पक्ष में बोल कर संसदीय उपचुनाव में भारी जीत दर्ज की है. जॉर्ज गैलोवे ने एक जुझारू कैंपेन के बाद नॉर्थ इंग्लिश टाउन रोशडेल में सीट जीती.

गैलोवे, ब्रिटेन की वर्कर्स पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने लेबर और कंजरवेटिव दोनों पार्टियों पर इजरायल का समर्थन करने का आरोप लगाया और पर्याप्त मुस्लिम आबादी वाले निर्वाचन क्षेत्र में फिलिस्तीन समर्थक चुनाीव चलाया.

'पीएम सुनक पर साधा निशाना'
अपनी जीत के बाद दिए भाषण में गैलोवे ने लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर और पीएम ऋषि सनक पर निशाना साधा. उन्होने कहा, 'कीर स्टार्मर, यह गाजा के लिए है.'

गैलोवे ने कहा, 'गाजा में चल रही तबाही को बढ़ाने, प्रोत्साहित करने और कवर करने में आपने जो भूमिका निभाई है उसके लिए आपको एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

'मैं लाखों लोगों की तरफ से बोल रहा हूं'
गैलोवे ने कहा, 'मेरा मानना है कि मैं ब्रिटेन के उन लाखों लोगों की तरफ से बोल रहा हूं जिनके दिल टूट गए हैं, जिनकी आत्माएं गाजा में नरसंहार से आहत हैं.' उन्होंने कहा, 'नेतन्याहू को रोकने के लिए मैं बहुत कुछ नहीं कर सकता लेकिन मुझे ऋषि सुनक और कीर स्टार्मर को इसमें सहयोग करने से रोकने का प्रयास करने का अधिकार है.'

गैलोवे को मिली चौंकाने वाली जीत
गैलोवे ने किसी की भी भविष्यवाणी से कहीं अधिक 12,335 वोट (कुल का 39.7%) हासिल किए. दूसरे नंबर पर रहे डेविड टुली जो एक लोकल बिजनेमैन हैं और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे. तीसरे नंबर पर कंजर्वेटिव उम्मीदवार पॉल एलिसन रहे, जो चुनाव प्रचार में मुश्किल से ही दिखाई दे दिए और जिनके बारे में कहा गया कि उन्होंने कुछ समय छुट्टी पर बिताया.

पूर्व लेबर उम्मीदवार, अजहर अली, चौथे नंबर पर रहे. इजरायल के बारे में की गई कथित भड़काऊ टिप्पणियों की वजह से लेबर पार्टी ने उनसे नाता तोड़ लिया था.

कौन हैं गैलोवे
चार दशकों के करियर में, गैलोवे की छवि एक युद्ध-विरोधी वामपंथी हीरो की रही है. वह तीन अलग-अलग पार्टियों से सात बार संसद के लिए चुने गए. रोडेशेल में उनकी जीत बताती है कि उनके संघर्ष का जज्बा अब भी कायम है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वह खुद को समाजवाद के पक्ष में और साम्राज्यवाद के खिलाफ - विशेष रूप से अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ - और जायोनीवाद के कट्टर विरोधी के रूप में अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का हिस्सा मानते हैं. उन्होंने इजराइल को रंगभेदी राज्य बताया है और इसे खत्म करने का आह्वान किया है.

2012 में की चौथी शादी
रिपोर्ट के मुताबिक इन अफवाहों के बावजूद कि उन्होंने इस्लाम अपना लिया है, वह अपनी आयरिश कैथोलिक जड़ों से मजबूती से जुड़े हुए हैं. एक बड़े परिवार के महत्व पर जोर देने वाले गैलोवे के छह बच्चे हैं और उन्होंने 2012 में अपनी चौथी पत्नी गायत्री पर्टिवी से शादी की.

1954 में डंडी में गरीबी में जन्मे, गैलोवे ने मिशेलिन टायर्स की प्रॉडक्शन लाइन पर काम किया, जहां वे पहली बार एक ट्रेड यूनियनिस्ट के रूप में एक्टिव हुए. 1980 में, वह डंडी काउंसिल के कार्यालयों से फिलिस्तीनी झंडा फहराने में वे शामिल थे. 1983 में, वह चैरिटी वॉर ऑन वांट के महासचिव बने.

गैलोवे 1987 में पहली बार ग्लासगो हिलहेड के लेबर सांसद के रूप में संसद के लिए चुने गए, जहां उन्होंने जल्द ही एक वामपंथी तेजतर्रार नेता के रूप में ख्याति प्राप्त कर ली.

गैलोवे और सद्दाम हुसैन की मुलाकात
गैलोवे की 1990 के दशक में, इराक के नेता सद्दाम हुसैन से मुलाकात बेहद चर्चित रही. इस मीटिंग की एक एक क्लिप में उन्हें कहते हुए सुना गया था, 'सर, मैं आपके साहस, आपकी ताकत, आपकी कड़ी मेहनत को सलाम करता हूं.' गैलोवे की सद्दाम से मिलने और इस बयान को लेकर काफी आलोचना हुई.  इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में उनकी कई यात्राओं के कारण उन्हें 'बगदाद सेंट्रल का सदस्य' करार दिया गया.

(फोटो साभार- फेसबुक)

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