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Explainer: क्या है G7? कितना ताकतवर है यह ग्रुप? भारत मेंबर नहीं फिर क्यों शिखर सम्मेलन के लिए इटली जा रहे हैं PM मोदी

G-7 Italy Summit: जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक होना है. 

Explainer: क्या है G7? कितना ताकतवर है यह ग्रुप? भारत मेंबर नहीं फिर क्यों शिखर सम्मेलन के लिए इटली जा रहे हैं PM मोदी
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Manish Kumar.1|Updated: Jun 14, 2024, 06:38 AM IST

G-7 Italy Summit News:  विश्व के सात सबसे अमीर देशों के नेता इटली में इक्ट्ठा हो रहे हैं. यह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में इजरायल-अरब संघर्ष प्रमुख रहने वाला है. जी7 शिखर सम्मेलन में अफ्रीका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लीडर भी शामिल होंगे और विकासशील देशों के साथ आर्थिक सहयोग पर चर्चा की जाएगी. जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक होना है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली रवाना होंगे. लगातार तीसरे प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा होगी.  इटली ने भारत को 14 जून को आयोजित होने वाले 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में आउटरीच देश के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.

पांचवी बार लेंगे भाग
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह 11वीं बार है जब भारत को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है और यह पांचवीं बार हो जब पीएम मोदी इसमें भाग लेंगे.

आखिर ये जी7 है क्या? इटली शिखर सम्मेलन का एजेंडा क्या रहने वाला है. जानते हैं इन सवालों के जवाब:-

क्या है जी7?
G7 (सात का समूह) दुनिया की सात सबसे बड़ी तथाकथित ‘उन्नत’ अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है, जो वैश्विक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली पर हावी है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.

हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.

रूस 1998 में शामिल हुआ, जिससे G8 बना. 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया जिसके बाद मॉस्को को ग्रुप से बाहर कर दिया गया.

चीन अपनी बड़ी अर्थव्यवस्था और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद कभी इसका सदस्य नहीं रहा. इसकी वजह प्रति व्यक्ति धन का इसका अपेक्षाकृत निम्न स्तर है कि इसे G7 सदस्यों की तरह उन्नत अर्थव्यवस्था के रूप में नहीं देखा जाता है.

ये दोनों देश विकसित और विकासशील देशों के G20 समूह में हैं.

पूरे वर्ष, G7 मंत्री और अधिकारी बैठकें करते हैं, समझौते बनाते हैं और वैश्विक घटनाओं पर संयुक्त बयान प्रकाशित करते हैं.

2024 में इटली के पास G7 की अध्यक्षता है.

2024 शिखर सम्मेलन के लिए इटली का एजेंडा क्या है?
2024 G7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के अपुलिया में आयोजित किया जाएगा.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह पहला प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंच होगा जिसकी मेजबानी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी अक्टूबर 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद करेंगी.

इटली की सरकार का कहना है कि वह चाहती है कि शिखर सम्मेलन यूक्रेन और गाजा में युद्ध, अफ्रीका और प्रवास, आर्थिक सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  (AI) पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे.

यूक्रेन और गाजा में युद्ध के बारे में G7 के नेता क्या कर सकते हैं?
इन सभी के बीच, G7 देशों ने रूस पर पहले ही प्रतिबंधों का बड़ा पैकेज लगा दिया है.

G7 देशों ने रूस को अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य और वैश्विक वित्तीय प्रणाली से काट दिया है. उन्होंने मॉस्को की लगभग 300 बिलियन डॉलर (£236 बिलियन) की संपत्ति भी फ्रीज कर दी है, जो उनके क्षेत्रों में रखी गई थी, जैसे कि रूस के केंद्रीय बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार.

बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक G7 देश अब कथित तौर पर एक योजना पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत फ्रीज की गई रूसी संपत्तियों से अर्जित ब्याज को कर्ज के रूप में यूक्रेन को दिया जाएगा. यह राशि 50 बिलियन डॉलर हो सकती है.

3 जून को, G7 देशों के नेताओं ने गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा पेश की गई योजना का समर्थन किया.

बाइडेन ने इजरायल और हमास द्वारा तत्काल युद्ध विराम, सभी बंधकों की रिहाई, गाजा के लिए सहायता में वृद्धि और एक शांति समझौते का प्रस्ताव दिया है जो इजरायल की सुरक्षा और गाजा के निवासियों की सुरक्षा की गारंटी देता है.

G7 विकासशील देशों के साथ कैसे काम कर सकता है?

इटली की सरकार का कहना है कि G7 शिखर सम्मेलन में ‘विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ संबंध’ केंद्रीय होंगे और वह ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी भागीदारी के आधार पर सहयोग मॉडल बनाने के लिए काम करेगा.

इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 12 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.

इटली ने मैटेई योजना नामक एक योजना बनाई है. इस प्लान के माध्यम से वह कई अफ्रीकी देशों को उनकी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए 5.5 बिलियन यूरो (£4.6 बिलियन) का अनुदान और ऋण देगा.

यह योजना इटली को ऊर्जा केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगी, अफ्रीका और यूरोप के बीच गैस और हाइड्रोजन पाइपलाइनों का निर्माण करेगी.

हालांकि, कई टिप्पणीकारों को संदेह है कि यह इटली द्वारा अफ्रीका से और अधिक प्रवासन को रोकने के लिए एक आवरण हो सकता है.

क्या G7 के पास कोई शक्ति है?
G7 कानून पारित नहीं कर सकता. हालाकिं इसके कुछ पिछले फैसला का वैश्विक प्रभाव पड़ा है.

उदाहरण के लिए, जी7 ने 2002 में मलेरिया और एड्स से लड़ने के लिए एक ग्लोबल फंड स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

यूके में 2021 के जी7 शिखर सम्मेलन से पहले, समूह के वित्त मंत्रियों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अधिक टैक्स का भुगतान करने के लिए सहमत किया.

इसने विकासशील देशों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की है, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाए हैं.

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