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Mark Rutte: कौन हैं पुतिन के कट्टर आलोचक मार्क रूटे? जो बनने जा रहे हैं NATO के अगले चीफ

NATO New Chief:  बुधवार को, 32 नाटो सदस्यों के राजदूतों ने आधिकारिक तौर मार्क रूटे को उन्हें अपना अगला महासचिव नियुक्त किया.

Mark Rutte: कौन हैं पुतिन के कट्टर आलोचक मार्क रूटे?  जो बनने जा रहे हैं NATO के अगले चीफ
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Manish Kumar.1|Updated: Jun 27, 2024, 09:37 AM IST

NATO Chief News: निवर्तमान डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे (Mark Rutte) नाटो (NATO) के अगले प्रमुख बनेंगे. रूटे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन का नेतृत्व करना 'एक जिम्मेदारी है जिसे मैं हल्के में नहीं लेता.'  यूरो न्यूज के मुताबिक बुधवार को, 32 नाटो सदस्यों के राजदूतों ने आधिकारिक तौर पर उन्हें अपना अगला महासचिव नियुक्त किया.

नाटो यह फैसला सर्वसम्मति से लेता है. इसलिए रूटे, की नियुक्ति के लिए उन्हें गठबंधन के सभी 32 सदस्य समर्थन हासिल करना जरूरी था.

औपचारिकता थी रूटे की नियुक्ति
हालांकि रॉयटर्स के मुताबिक रूटे की नियुक्ति एक औपचारिकता बनकर रह गई. इस पद के लिए उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी रोमानियाई राष्ट्रपति क्लॉस इओहन्निस ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि समर्थन हासिल न कर पाने के कारण वह इस पद की दौड़ से हट गए हैं.

पुतिन के आलोचक हैं रूटे
रूटे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक और यूक्रेन के कट्टर सहयोगी हैं.

यूरो न्यूज के मुताबिक हिस्ट्री ग्रेजुएट रूटे पहली बार 2010 में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री बने थे. वह नीदरलैंड के पीएम पद सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले नेता हैं. माइग्रेशन को रोकने के तौर-तरीके को लेकर उनके चार-पक्षीय गठबंधन के टूटने के बाद पिछले जुलाई में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

जेन्स स्टोलटेनबर्ग की लेंगे जगह
नाटो ने एक बयान में कहा, 'उत्तरी अटलांटिक परिषद ने डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे को नाटो का अगला महासचिव नियुक्त करने का फैसला लिया है, जो जेन्स स्टोलटेनबर्ग का स्थान लेंगे.'

बयान में कहा गया. 'रूटे 1 अक्टूबर 2024 से महासचिव के रूप में अपना कार्यभार संभालेंगे, जब दस साल गठबंधन के शीर्ष पर रहने के बाद स्टोलटेनबर्ग का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.'

रूट ने पिछले साल नाटो चीफ के पद के लिए अपनी घोषणा की थी. उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित गठबंधन के प्रमुख सदस्यों से शुरुआती समर्थन मिला था.

रूटे के सामने होंगी कई चुनौतियां

रूटे के सामने हालांकि चुनौतियां कम नहीं होंगी. उन्हें रूस के खिलाफ यूक्रेन की लड़ाई में सहयोगी देशों के समर्थन को बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा. साथ ही नाटो को सीधे मास्को के साथ युद्ध में शामिल होने से भी बचाना होगा. उन्हें इस संभावना से भी निपटना होगा कि नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद नाटो-संदेहवादी डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में वापस आ सकते हैं.

बता दें ट्रंप की संभावित वापसी ने नाटो नेताओं को बेचैन कर दिया है क्योंकि रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति ने गठबंधन के अन्य सदस्यों पर हमला होने की स्थिति में उनका समर्थन करने की अमेरिका की इच्छा पर सवाल उठाया है.

(Photo courtesy: @MinPres)

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