Jordan Drone Attack: जॉर्डन में अमेरिका की सैन्य पोस्ट पर ड्रोन से हमला किया गया है. हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और लगभग दो दर्जन लोग घायल हो गए. इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से पहली बार मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिक दुश्मन का निशाना बने हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह हमला ईरान समर्थित सीरिया और इराक में सक्रिय कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों ने किया है.
जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर हमला
जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर हमले के बाद बाइडेन ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और अमेरिका अपने तरीके से जवाब देगा. यह हमला सीरिया बॉर्डर के पास जार्डन में टॉवर 22 पर हुआ है. क्षेत्र में जारी तनावपूर्ण स्थिति इस हमले के बाद और बदतर हो गई है. यूएस सेंट्रल कमांड ने पुष्टि की है कि पूर्वोत्तर जॉर्डन में एक बेस को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए गए. हमले में तीन सैनिक मारे गए और 25 लोग घायल हुए हैं. जॉर्डन में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अमेरिकी सेना सलाह और सहायता मिशन के तहत पोस्ट पर तैनात है.
बाइडेन ने ईरान को दी वार्निंग
बाइडेन ने इस हमले के लिए ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों को जिम्मेदार ठहराया है. गाजा में इजराइल-हमास युद्ध के बीच ईरान समर्थित मिलिशिया द्वारा पश्चिम एशिया में अमेरिकी बलों के खिलाफ महीनों से जारी हमलों में पहली बार अमेरिकी नागरिक हताहत हुए हैं जिससे क्षेत्र में इस तनाव के गहराने का खतरा बढ़ गया है.
जॉर्डन ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ‘अपने चुने गए समय और तरीके से उन सभी को जवाबदेह ठहराएगा.’ जॉर्डन ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जिसकी सीमाएं इराक, इजराइल, फलस्तीनी क्षेत्र के वेस्ट बैंक, सऊदी अरब और सीरिया से लगी हुई हैं.
अमेरिका के करीब 3,000 सैनिक जॉर्डन में तैनात
अमेरिकी सुरक्षा बल लंबे समय से अपने आधार शिविर के तौर पर जॉर्डन का इस्तेमाल करते रहे हैं. अमेरिका के करीब 3,000 सैनिक जॉर्डन में तैनात हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे ने बताया कि बाइडन को रविवार सुबह हमले की जानकारी दी गयी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)