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ट्रंप या बाइडेन किसके राष्ट्रपति बनने से भारत को होगा ज्यादा फायदा? जानिए एक्सपर्ट की जुबानी

Ravinder sachdeva: साउथ कैरोलिना में हुए रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव में ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंदी निक्की हेली को हरा दिया है, जिसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका विदेशी मामलों के जानकार रविंदर सचदेवा ने जवाब दिया है.     

Ravinder sachdeva
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KIRTIKA TYAGI|Updated: Feb 25, 2024, 09:20 PM IST

US Election: अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. राष्ट्रपति पद के दावेदारों ने अपना चुनावी अभियान तेज कर दिया है. इस बीच साउथ कैरोलिना में हुए रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंदी निक्की हेली को हरा दिया है. लगभग 90 प्रतिशत वोटों की गिनती के बाद, हेली को 39.4 प्रतिशत वोट मिले, जबकि ट्रंप को 59.9 प्रतिशत वोट मिले यानी दोनों नेताओं के वोटों में 20 प्रतिशत का अंतर रहा.

इस शानदार जीत के बाद ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा दिए हैं जहां उनका मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगा. 

 

क्या कोई दे पाएगा ट्रंप-बाइडेन को टक्कर?

अब सवाल उठ रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन अपनी-अपनी पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की राह में कितने आगे हैं? क्या कोई भी उनको प्रत्याशी टक्कर देने की स्थिति में है? यह भी सवाल उठ रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीतें या फिर जो बाइडेन, इसका भारत के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाले राष्ट्रपति की कैमिस्ट्री कैसी रहेगी ? 

 

इस मुद्दे पर विदेशी मामलों के जानकार रविंदर सचदेवा ने बताया कि अभी तक तो डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट जो बाइडेन ही हैं. हालांकि, उनकी उम्र को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के वही दोबारा कैंडिडेट नॉमिनेट होंगे. इसके पूरे आसार हैं. जहां तक बात रही रिपब्लिकन पार्टी की तो ट्रंप अपनी पार्टी के कैंडिडेट बनने जा रहे हैं. जितने भी उनकी पार्टी के अंदर इलेक्शन हुए हैं, उनमें ट्रंप जीते हैं. 

 

सचदेवा ने ने आगे कहा कि अगर ट्रंप के सामने कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो वह रिपब्लिकन पार्टी से कैंडिडेट बनेंगे, क्योंकि उनके कुछ लीगल केस चल रहे हैं. तो ऐसा हो सकता है, कि वह इलेक्शन लड़ने से बाहर हो जाएं या इलेक्शन लड़ न सकें. अगर ऐसा होता है, तो उस केस में दूसरा कोई कैंडिडेट जो उभर सकता है, वह निक्की हेली होंगी. निक्की हेली इस समय अच्छा कर रही हैं. 

 

ट्रंप-बाइडेन के क्या हैं चांस?

 

 रविंदर सचदेवा ने बताया कि अभी तक जो ओपिनियन पोल के रिजल्ट आ रहे हैं. उनमें ट्रंप रिपब्लिकन से कैंडिडेट हुए और जो बाइडेन डेमोक्रेटिक से ही तो ऐसे में जो बाइडेन जीतेंगे और ट्रंप हार जाएंगे. क्योंकि ट्रंप अपनी पार्टी के अंदर अच्छा कर रहे है, लेकिन राष्ट्रपति का इलेक्शन जीतने के लिए वाइडर वोट का होना जरूरी है. जो ट्रंप नहीं कर पाएंगे और वह हार जाएंगे और जो बाइडेन  जीत जाएंगे. 

लेकिन इस बीच एक और इंटरेस्टिंग पोल भी सामने आ रहा है, जिसमें अगर ट्रंप किसी कारण से या कानूनी केस को लेकर चुनाव नहीं लड़ पाए तो ऐसे में अगर निक्की हेली कैंडिडेट बन जाती हैं तो इस केस में वह जो बाइडेन को हरा देंगी. यह इंटरेस्टिंग डाटा सामने आ रहा है.

 

भारत के साथ संबंधों पर क्या कोई फर्क पड़ेगा ?

 

अगले सवाल पर रविंदर सचदेवा ने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत जाते हैं तो भारत और अमेरिका के रिश्तों में पहले से और ज्यादा तेजी आएगी. हालांकि जो बाइडेन से भी मोदी की केमिस्ट्री अच्छी है. अगर जो बाइडेन प्रेसिडेंट बने तब भी केमिस्ट्री अच्छी रहेगी, लेकिन अगर डोनाल्ड ट्रंप बनते हैं तब केमिस्ट्री और ज्यादा अच्छी बनेगी क्योंकि ट्रंप की कोशिश यह रहेगी कि भारत को मिलिट्री, जियो पॉलिटिकल और इकोनॉमिक में आगे बढ़ाया जाए, ताकि भारत चीन का काउंटर मेजर बन सके. 

 

एक्सपर्ट ने आगे कहा कि ट्रंप आउट ऑफ द बॉक्स होकर सोचते हैं, तो वह भारत के साथ अपना रिश्ता आगे बढ़ाने में काफी ज्यादा काम करेंगे. खास तौर पर भारत के टैलेंट पर आने वाले वर्ष टेक्नोलॉजी के हैं. भारत के पास टेक्नोलॉजी का टैलेंट है. अमेरिका को यंग टैलेंट अपने लिए भी चाहिए होगा. अमेरिका के अंदर लेबर फोर्स पुरानी होती जा रही है. इन सब चीजों को देखते हुए ट्रंप कुछ आउट ऑफ द बॉक्स कदम उठा सकते हैं और उठाएंगे.  जिसके बाद भारत और अमेरिका के रिश्ते और ज्यादा मजबूत होंगे और भारत अपने विकास की गति को अमेरिका की मदद से और ज्यादा तेज करेगा.

 

 

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