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Bangladesh News: बांग्लादेश में रोहिंग्या फ्रेंडली यूनुस सरकार में मंजूर नहीं हिंदू! शमशान तोड़ा, मंदिर जलाया; चुरा ले गए गायें

Bangladesh News in Hindi: बांग्लादेश में जब से शेख हसीना की सत्ता गिरी है, तब से वहां पर हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. वहां की अंतरिम सरकार में मुखिया का पद संभालने वाले मोहम्मद यूनुस जहां रोहिंग्याओं पर खूब प्यार बरसा रहे हैं, वहीं हिंदुओं पर हमले लगातार जारी हैं. 

Bangladesh News: बांग्लादेश में रोहिंग्या फ्रेंडली यूनुस सरकार में मंजूर नहीं हिंदू! शमशान तोड़ा, मंदिर जलाया; चुरा ले गए गायें
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Devinder Kumar|Updated: Aug 19, 2024, 11:57 PM IST

Bangladesh Crisis Update: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है. इसी बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने एक ऐसा बयान दिया. जिसने बांग्लादेश के वर्तमान सिस्टम के कैरेक्टर का खुलासा कर दिया. यानी एक तरह से रक्षाबंधन के त्योहार पर मोहम्मद यूनुस ने रोहिंग्या मुसलमानों को रक्षासूत्र दे दिया. 

मोहम्मद यूनुस ने अपने पहले पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा कि हमारी सरकार बांग्लादेश में शरण लेकर रह रहे लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को मदद जारी रखेगी. हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद चाहिए ताकि रोहिंग्या मुसलमानों के लिए मानवीय मदद जारी रहे और वो सुरक्षित तरीके से वापस अपने देश म्यांमार वापस लौट पाएं.

दरअसल साल 2015 में म्यांमार के अंदर सांप्रदायिक हिंसा तेज हो गई थी. सांप्रदायिक हिंसा की वजह से तकरीबन लाखों रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से भागे थे. जिनमें से सात लाख बांग्लादेश पहुंचे..इनमें से अधिकतर कॉक्स बाजार इलाके में बने रिफ्यूजी कैंप्स में रहते हैं. बांग्लादेश के साथ ही साथ भारत और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी अवैध तरीके से रोहिंग्या मुसलमान पहुंचे हैं.

रोहिंग्याओं के साथ Vs हिंदुओं के खिलाफ

पहले ही पॉलिसी स्टेटमेंट में रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षा पर वादे किए जाते हैं लेकिन मोहम्मद यूनुस अपने देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय यानी हिंदुओं की तरफ मानों आंखें मूंदे बैठे हैं. मोहम्मद यूनुस जब जब हिंदुओँ की सुरक्षा का बयान देते हैं, तब तब हिंदुओँ के खिलाफ हिंसा की खबरें सामने आ जाती हैं. जो बताता है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदुओं के लिए जो कुछ कह रही है. वो सिर्फ पॉलिटिकल स्टंटबाजी है, इससे ज्यादा कुछ नहीं.

श्मशान में तोड़फोड़ हिंदुओं से लूटपाट

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले लगातार जारी है. नोआखली जिले में कट्टरपंथियों ने रात के अंधेरे में एक हिंदू श्मशान पर हमला कर दिया और उसे नुकसान पहुंचाया. श्मशान के नजदीक बने एक मंदिर को भी कट्टरपंथियों ने तोड़ दिया. दूसरी वारदात मागुरा जिले से सामने आई, जहां कट्टरपंथियों ने स्वप्न ठाकुर नाम के एक बांग्लादेशी हिंदू के परिवार पर हमला कर दिया. परिवार ने अपनी जान तो बचा ली लेकिन स्वप्न ठाकुर की गोशाला से उन्मादी भीड़ ने 60 से ज्यादा जानवरों को चुरा लिया.

सिर्फ हिंदुओं पर हमले ही नहीं हो रहे बल्कि हिंदुओं को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए भी संगठित साजिश हो रही है. डीएनए में हमने आपको दिखाया था कि बांग्लादेशी हिंदुओं से अपराधी और कट्टरपंथी प्रोटेक्शन मनी मांग रहे हैं. पैसा ना देने पर जान से मारने की धमकियां तक दे रहे हैं.

हिंदुओं से जबरन लिखवाए जा रहे इस्तीफे

अब खबरें आ रही हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं को नौकरियों से जबरन इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक बैंकों और प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत हिंदू कर्मचारियों को या तो निकाला जा रहा है या फिर उनसे जबरन इस्तीफे लिखवाए जा रहे हैं. कुछ वायरल वीडियोज में ये भी दावा किया गया है कि स्कूल और कॉलेज में अहम पदों पर बैठे हिंदुओं को भी इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

मोहम्मद यूनुस की सरकार तो हिंदुओं को कट्टरपंथियों का शिकार बनने दे रही है. लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं के अधिकारों के लिए भारत में लगातार आवाज प्रबल हो रही है. प्रदर्शनकारी सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की अपील कर रहे हैं.

हिंदुओं के खिलाफ हिंसा वाले जेनेरिक

बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ नफरती सोच उस वक्त से पनप रही है. जब बांग्लादेश अस्तित्व में भी नहीं आया था. यानी जब बांग्लादेश को दुनिया ईस्ट पाकिस्तान के नाम से जानती थी.उसी नफरती सोच को अब सरकार और सिस्टम का समर्थन मिल गया है. दुनिया के इस हिस्से में हिंदुओं को किस तरह टारगेट किया गया...ये आपको बांग्लादेश की घटती हिंदू आबादी के आंकड़े बता देंगे.

साल 1951 में जब ईस्ट पाकिस्तान की जनगणना हुई थी तब आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी. साल 1971 में बांग्लादेश पाकिस्तान के शिकंजे से आजाद हुआ. 1974 में स्वतंत्र बांग्लादेश की पहली जनगणना हुई और हिंदुओं की आबादी 13.5 प्रतिशत दर्ज की गई. साल 2022 में जब बांग्लादेश की पिछली जनगणना हुई तो कुल आबादी में हिंदू सिर्फ 8 प्रतिशत रह गए थे, जो बताता है कि हिंदुओं का बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन किया गया.

भारत में भी घटती जा रही हिंदू आबादी

सिर्फ बांग्लादेश ही नहीं बल्कि भारत में भी हिंदू आबादी तेजी से कम हुई है. तीन महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इकॉनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल ने एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया था कि साल 1950 से लेकर साल 2015 के बीच यानी 65 सालों के अंदर देश में हिंदू आबादी में 7.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. जबकि दूसरी तऱफ इसी दौरान मुस्लिम आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 

साल 1950 में भारत में कुल आबादी के 84.68 प्रतिशत हिंदू थे. जो साल 2015 तक आकर कुल आबादी के 78 प्रतिशत ही रह गए. जबकि मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत थी जो बढ़कर 14.09 प्रतिशत तक पहुंच गई. इसी डेमोग्राफिक चेंज को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक बड़ा बयान दिया है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है अगर भारत में डेमोग्राफिक चेंज को रोका नहीं गया तो तीस साल के अंदर देश में गृहयुद्ध हो सकता है. 

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