trendingNow12301273
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

तिब्बत पर अमेरिका की एक चाल.. और घुटनों पर आ गया चीन, अब क्या बोला ड्रैगन

Tibet News: अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के धर्मशाला दौरे और दलाई लामा के साथ मुलाकात पर चीन ने अमेरिका से एक आग्रह किया है. उसने कहा कि वह शिजांग संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता और महत्व को स्पष्ट रूप से देखे एवं शिजांग पर अपनी टिप्पणियों में चीन के मूल हितों का ईमानदारी से सम्मान करे.

तिब्बत पर अमेरिका की एक चाल.. और घुटनों पर आ गया चीन, अब क्या बोला ड्रैगन
Stop
Zee News Desk|Updated: Jun 20, 2024, 11:03 PM IST

America China Tibet: अमेरिका की एक चाल से तिब्बत का मामला जबरदस्त चर्चा में आ गया है. हुआ यह कि अमेरिका ने तिब्बतियों को स्वतंत्रता के लिए दलाई लामा से ही बात करने की शर्त रखी. बस फिर क्या था चीन डिफेंसिव हो गया. अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या होगा. फिलहाल  चीन ने गुरुवार को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा से कहा कि वह वार्ता के लिए अपने राजनीतिक प्रस्तावों पर विचार करते हुए उन्हें पूरी तरह से दुरुस्त करें. इसके साथ ही उसने अमेरिका से कहा कि वह तिब्बत से जुड़े मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता का सम्मान करे, क्योंकि वाशिंगटन एक सख्त तिब्बत नीति कानून पारित करने वाला है. 

क्या बोला चीन?

असल में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 14वें दलाई लामा के साथ केंद्र सरकार के संपर्क और संवाद के बारे में चीन की नीति सुसंगत और स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि 14वें दलाई लामा को अपने राजनीतिक प्रस्तावों पर गहनता से विचार करना चाहिए और उन्हें पूरी तरह से दुरुस्त करना चाहिए. 

अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की धर्मशाला यात्रा

चीन ने अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की धर्मशाला यात्रा और दलाई लामा (88) के साथ उनकी बैठक पर करीबी नजर रखी. प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सीनेट और प्रतिनिधि सभा दोनों द्वारा पारित तिब्बत नीति विधेयक पर हस्ताक्षर करने वाले थे. बाइडन के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून बन जाएगा. 

संवाद को बढ़ावा देने पर जोर 

यह विधेयक तिब्बत पर अपने नियंत्रण के बारे में चीन के विमर्श का मुकाबला करने और चीनी सरकार एवं दलाई लामा के बीच संवाद को बढ़ावा देने पर जोर देता है, जो 1959 में हिमालयी क्षेत्र से भागने के बाद से भारत में रहते हैं. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के धर्मशाला दौरे और दलाई लामा के साथ मुलाकात पर लिन ने कहा हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह शिज़ांग संबंधित मुद्दों की संवेदनशीलता और महत्व को स्पष्ट रूप से देखे एवं शिज़ांग पर अपनी टिप्पणियों में चीन के मूल हितों का ईमानदारी से सम्मान करे, दलाई समूह के साथ किसी भी तरह की बातचीत से दूर रहे और दुनिया को गलत संदेश भेजना बंद करे.

उन्होंने निर्वासित तिब्बत सरकार की कथित टिप्पणियों की भी आलोचना की कि वह अमेरिकी संसद द्वारा पारित नए तिब्बत कानून का उपयोग चीन को बातचीत की मेज पर आने के लिए बाध्य करने और अन्य देशों के साथ बातचीत के लिए दबाव डालने का आग्रह करने के लिए करेगी. लिन ने कहा, "तथाकथित निर्वासित तिब्बत सरकार पूरी तरह से अलगाववादी राजनीतिक समूह और अवैध संगठन है जो चीन के संविधान और कानूनों का पूरी तरह से उल्लंघन करता है. इसे किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है.

Read More
{}{}