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Sheikh Hasina: ब्रिटेन ने शेख हसीना को दे दिया टका सा जवाब! US ने वीजा ही रद्द कर दिया, अब किस देश में बनेंगी राजनीतिक शरणार्थी?

Sheikh Hasina  Asylum: शेख हसीना निर्वासित जीवन लंदन में बिताना चाहती हैं. इसी इंतजार में उनका विमान दिल्ली के हिंडन एयरबेस में मौजूद है. ब्रिटेन फिलहाल उन्हें अपने यहां आने की इजाजत देने के मूड में नहीं दिख रहा. वहीं अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा ही रद्द कर दिया. 

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Rahul Vishwakarma|Updated: Aug 06, 2024, 06:51 PM IST

Former PM of Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का भविष्य क्या होगा, कौन सा देश उन्हें शरण देगा, इसका अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका है. शेख हसीना फिलहाल दिल्ली में हैं. भारत ने उन्हें कुछ समय के लिए पनाह दी है. पूर्व पीएम आगे का जीवन लंदन में गुजारना चाहती हैं, लेकिन ब्रिटेन सरकार की तरफ से उन्हें झटका मिला है. ब्रिटेन फिलहाल उन्हें शरण देने के मूड में नहीं दिख रहा है. उधर अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा ही रद्द कर दिया. 

ब्रिटेन सरकार ने पिछले कुछ हफ्तों में बांग्लादेश में हुई हिंसक घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जांच कराने की मांग की है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने एक बयान जारी कर बांग्लादेश में बीते दो हफ्तों में हुई हिंसा और जनहानि की निंदा करते हुए कहा कि ब्रिटेन बांग्लादेश के लोकांत्रिक भविष्य के लिए कदम उठाये जाते देखना चाहता है. ब्रिटेन सरकार ने हसीना द्वारा ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने की खबरों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. 

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गृह कार्यालय के सूत्रों ने केवल यह संकेत दिया है कि देश के आव्रजन नियम विशेष रूप से शरण लेने के लिए व्यक्तियों को ब्रिटेन आने की अनुमति नहीं देते हैं. लैमी ने बयान में कहा कि बांग्लादेश में पिछले दो हफ्तों में अभूतपूर्व हिंसा और जनहानि हुई है. थल सेनाध्यक्ष ने सत्ता हस्तांतरण के लिए एक अवधि की घोषणा की है.  

विदेश मंत्री ने कहा कि सभी पक्षों को अब हिंसा को समाप्त करने, शांति बहाल करने, तनाव घटाने और जनहानि को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है.  बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं.  उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, बांग्लादेश का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य देखना चाहता है. ब्रिटेन और बांग्लादेश के लोगों के बीच प्रगाढ़ संबंध हैं और दोनों ही राष्ट्रमंडल के सदस्य देश हैं. 

इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संसद को बताया कि हसीना जन आंदोलन के बीच इस्तीफा देने के बाद भारत आई हैं.  बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने देने की मंजूरी प्रदान करने का अनुरोध किया था. उसी समय, हमें बांग्लादेश के अधिकारियों से (उनकी) उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ. वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं. 

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ब्रिटेन सरकार के सूत्रों के अनुसार, देश के पास जरूरतमंद लोगों को संरक्षण प्रदान करने का शानदार रिकॉर्ड है, लेकिन आव्रजन नियमों के तहत किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता है, उन्हें सबसे तेजी से पहुंचे जा सकने वाले पहले सुरक्षित देश में शरण मांगनी चाहिए. 

रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मौजूदा स्थिति ब्रिटेन के लिए भी पेचीदा है, जिसने पूर्व में हसीना के दिवंगत पिता शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद जनवरी 1972 में पाकिस्तानी जेल से रिहा होने पर शरण देने की पेशकश की थी. 

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