5 Lakh इंडियन किसानों ने मिलकर बना दी भारत की पहली क्राउडफंडेड फिल्म!

2024 के कांन्स फिल्म फेस्टिवल में पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ ने ग्रैंड प्रिक्स जीता.

इसी फिल्म फेस्टिवल में श्याम बेनेगल द्वारा 1976 में बनाई गयी फिल्म मंथन की भी स्क्रीनिंग हुई जिसे 5 लाख इंडियन किसानों ने 2-2 रुपये इकट्ठे करके फाइनेंस की थी.

1970 में डेयरी इंजीनियर वर्गीज कुरियन ने इंडिया में लाया दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी रेवोलुशन जिसे ‘ऑपरेशन फ्लड’ और 'श्वेत क्रांति' भी कहा जाता ही.

इसने भारतीय डेयरी उद्योग का चेहरा बदल दिया और इंडिया को दुनिया के सबसे बड़े मिल्क प्रोडूसर देशों की लिस्ट में पंहुचा दिया.

इसी घटना को लेकर फिल्मकार श्याम बेनेगल ने सोचा की हम इसपर एक फीचर फिल्म बनातें हैं. लेकिन उस समय पैसों की दिक्कत थी.

पैसों की प्रॉब्लम लेकर कुरियन उन 5 लाख किसानों के पास गए जो उनके को-ऑपरेटिव को 8 रुपये में 1 पैकेट दूध बेचते थे, और कहा कि बस 1 दिन के लिए ये दूध 6 रुपये पैकेट बेचो.

इस फॉर्मूले से 2-2 रुपये जोड़कर इंडिया की पहली क्राउड फंडेड फिल्म बन गई.

इस फिल्म की कहानी खुद वर्गीज कुरियन, श्याम बेनेगल और विजय तेंदुलकर ने लिखा है.

इस फिल्म ने कई नेशनल अवार्ड जीतें और 2024 के कांन्स फिल्म फेस्टिवल में इसके रीस्टोर्ड प्रिंट की स्क्रीनिंग हुई.

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