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Assembly Elections: पिछले चुनाव में 11 सीटों पर था 5 हजार से कम जीत का मार्जिन, ऐसी 38 सीटों पर रहेगी नजर

Assembly Elections 2023: साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उसने 100 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी को 73 सीट हासिल हुए थे.    

राजस्थान विधानसभा चुनाव
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Chandra Shekhar Verma|Updated: Nov 01, 2023, 01:26 PM IST

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदाता 25 नवंबर को वोट डालेंगे. राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों में से अधिक से अधिक संख्या में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस पार्टी जोर-शोर से प्रचार मे जुटी हुई हैं. दोनों पार्टियों की तरफ से लगातार उम्मीदवारों की सूची जारी की जा रही है. कुल मिलाकर दोनों मुख्य दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो उस समय कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और अपनी सरकार बनाई थी. कांग्रेस ने इस चुनाव में 99 सीट हासिल किए थे. वहीं, बीजेपी ने 73 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें 38 सीटें ऐसी थी, जिनमें दोनों मुख्य दलों की उम्मीदवारों के हार-जीत का अंर 5 हजार वोटों से कम था.

बता दें कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 99 सीट जीतने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. हालांकि, एक महीने बाद रामगढ़ चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और उनके विधायकों की संख्या 100 हो गई थी. वहीं, बीजेपी को 73 सीट हासिल हुई थी.  

आंकड़ों के अनुसार, सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद कांग्रेस ने सरकार तो बना ली थी, लेकिन कई सीट ऐसी थी, जिनमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों को बहुत कम मार्जिन से जीत हासिल हुई थी. राजस्थान विधानसभा चुनाव में 9 सीट ऐसी थी, जिनमें हार-जीत का अंतर महज 1 हजार वोट था. इनमें भीलवाड़ा की आसींद सीट शामिल हैं. यहां बीजेपी के जब्बर सिंह सांखला ने कांग्रेस के मनीष मेवाड़ा को महज 154 वोटों से हराया था. वहीं, पीलीबंगा सीट बीजेपी ने सिर्फ 278 वोटों से जीती थी. खेतड़ी सीट की बात करें तो इसे कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने 957 वोटों से जीती. फतेहपुर और पोकरण सीट की बात करें तो यहां कांग्रेस विधायक हाकम अली खान और शाले मोहम्मद क्रमशः 860 और 872 वोटों से जीते थे.

इसके अलावा इस चुनाव में 7 सीटों पर 2 हजार से कम वोटों के अंतर से फैसला हुआ था. इस विधानसभा चुनाव में 38 विधानसभा सीटों से से 11 सीट ऐसी रही, जहां पार्टी के विजेताओं की जीत का अंतर 5 हजार वोटों से कम रहा था. 

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