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MP Chunav: कई बागियों को नहीं मना पाई बीजेपी-कांग्रेस, वे सीटें जहां मुकाबला होगा त्रिकोणीय

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश चुनाव में इस बार रूठों को मनाने के मामले की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल कुछ को मना पाए हैं जबकि कइयों को नहीं मना पाए हैं.  वे आधा दर्जन स्थानों पर अपने बागियों को मनाने में सफल रहे है.

MP Chunav: कई बागियों को नहीं मना पाई बीजेपी-कांग्रेस, वे सीटें जहां मुकाबला होगा त्रिकोणीय
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Gaurav Pandey|Updated: Nov 02, 2023, 10:02 PM IST

MP Assembly Elections: विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हैं. मध्य प्रदेश में भी चुनावी खेल बिगाड़ने में लगे बागियों को मनाने में कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही कई स्थानों पर असफलता हाथ लगी है. नामांकन वापसी की तारीख निकलने के बाद कई विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होना तय हो गया है. राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए बागी उम्मीदवार मुसीबत बने तो दोनों ही दलों के प्रमुख नेताओं ने इन बागियों को मनाने की कोशिश की. कई स्थानों पर जहां बड़े नेता बागियों को मनाने में सफल रहे तो कई ने नेताओं की बात सुनने से ही इनकार कर दिया.

कांग्रेस की लिस्ट
दरअसल, कांग्रेस के बागियों की बात करें तो कई नाम हैं. नरसिंहपुर की गोटेगांव विधानसभा सीट से शेखर चैधरी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं भोपाल उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी के चाचा आमिर अकील मैदान में हैं. इसके अलावा रतलाम के आलोट से कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, उज्जैन के बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा जबलपुर की बरगी सीट से पूर्व विधायक के पुत्र जयकांत सिंह और सिवनी मालवा सीट से पूर्व विधायक ओम प्रकाश रघुवंशी ताल ठोक रहे हैं.

बीजेपी की लिस्ट
बीजेपी की बात करें तो बुरहानपुर से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह, टीकमगढ़ से पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. मुरैना सीट से भाजपा के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बसपा से मैदान में हैं. कटनी की बड़वारा सीट से पूर्व मंत्री मोती कश्यप सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह निवाड़ी विधानसभा सीट से नंदराम कुशवाहा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.

ऊंट किस करवट बैठेगा?
राज्य में रूठों को मनाने के मामले की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल आधा दर्जन स्थानों पर अपने बागियों को मनाने में सफल रहे है. फिलहाल मध्य प्रदेश चुनाव में इस बार रूठों को मनाने के मामले की बात करें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल कुछ को मना पाए हैं जबकि कइयों को नहीं मना पाए हैं.  वे आधा दर्जन स्थानों पर अपने बागियों को मनाने में सफल रहे है. अब देखना है ऊंट किस करवट बैठेगा. इनपुट-एजेंसी

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