How BJP Wins Chhattisgarh: 3 दिसंबर को जैसे ही सूरज उगा, उसके कुछ ही देर बाद ही चुनाव आयोग के अधिकारियों ने वोटों की काउंटिंग शुरू कर दी. सबको उम्मीद यही थी कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की बीजेपी से कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है जबकि छत्तीसगढ़ में वह सत्ता में वापसी कर रही है. एग्जिट पोल्स में भी यही अनुमान था. लेकिन जैसे-जैसे सूरज आसमान में ऊपर चढ़ा कांग्रेस की सीटें छत्तीसगढ़ में घटने लगीं. कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा पड़ने लगा. पार्टी के दफ्तर में सन्नाटा छाने लगा. किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि आखिर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में कहां मात खा गई.
2018 में ऐसे थे नतीजे
खबरें लिखे जाने तक रुझानों में बीजेपी 55, कांग्रेस 32 और अन्य 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. अधिकांश एग्जिट पोल्स में छत्तीसगढ़ में गाजे-बाजे के साथ 'काका' भूपेश बघेल की वापसी की बात कही गई थी. लेकिन सभी को चौंकाते हुए बीजेपी सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है. कमाल की बात ये है कि साल 2018 में कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि बीजेपी सिर्फ 15 सीटें ही हासिल कर पाई थी. जबकि बीएसपी को 2 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को 5 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
कांग्रेस को कैसे बीजेपी ने दी मात
एक तरफ भूपेश बघेल सरकार अपनी गोधन न्याय योजना, ग्रामीण आवास न्याय योजना, पुरानी पेंशन योजना, राजीव गांधी किसान योजना और बिजली बिल हाफ योजना से सत्ता के सिंहासन पर फिर काबिज होने के सपने संजो रही थी तो वहीं बीजेपी भ्रष्टाचार, घोटाले, महादेव ऐप से हवाला मनी और अपराध को लेकर बघेल सरकार को जमकर घेर रही थी.
राज्य में जांच एजेंसियां भी लगातार कांग्रेस नेताओं पर एक्शन ले रही थी. खुद पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेता भी बघेल सरकार पर निशाना साध रहे थे. बीजेपी ने शायद यहीं जनता की नब्ज पकड़ ली और कांग्रेस की सरकार को सत्ता से जनता ने उखाड़ फेंका. बाकी अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी पीएम मोदी के फेस पर ही चुनाव लड़ रही थी.
महिलाओं को जमकर लुभाया
बीजेपी ने राज्य में आधी आबादी यानी महिलाओं, किसानों और युवाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र का नाम मोदी की गारंटी 2023 रखा. इसमें बीजेपी ने एक लाख खाली पद भरने, सस्ते गैस सिलेंडर और सरकार बनने के बाद विवाहित महिलाओं को सालाना 12 हजार रुपये देने का वादा किया था.साथ ही किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान पर 3100 रुपये मूल्य पर एकमुश्त भुगतान का वादा किया. अभी उन्हें 2700 रुपये मिलते हैं.
18 साल आवास के अलावा तेंदू पत्ते पर 5500 रुपये प्रति महीने देने का भी ऐलान किया गया था. इसके अलावा नया रायपुर, रायपुर, भिलाई, दुर्ग को मिलाकर दुर्गावती योजना लाने की घोषणा की गई. बुजुर्गों के लिए पांच शक्तिपीठों को मिलाकर रामलला दर्शन योजना और यात्रा धाम बनाने का ऐलान भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पक्ष में गया. अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री किसे बनाती है.