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काशी नगरी के वो 6 रहस्य जिनसे अभी तक अनजान है दुनिया! मिस्ट्री जान नहीं होगा भरोसा

Facts About Kashi: काशी के बारे में कई सारी मान्यताएं हैं जो उसे और खास बना देती हैं. दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक काशी अपने अंदर कई सारे रहस्यों को समेटे हुए है. काशी-बनारस से जुड़ी ये अनसुनी बातें जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

काशी
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Zee News Desk|Updated: Sep 01, 2022, 11:56 AM IST

Kashi-Banaras Mysteries: महादेव की नगरी काशी-बनारस के बारे तो सभी जानते हैं. ये दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से है. यहां के घाट और गंगा आरती देखने की हर किसी को ख्वाहिश होती है. वाराणसी में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ हैं. वाराणसी में आध्यात्मिकता की महक और इस शहर की खूबसूरती हर किसी का मन मोह लेती है. ये नगरी जितनी खूबसूरत है उतने रहस्यों को समेटे हुए है. आज हम काशी के कुछ रहस्यों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.

त्रिशूल पर बसी है काशी

काशी को शिव की नगरी कहा जाता है. कहते हैं कि शिव को काशी से इतना प्रेम है कि उन्होंने भगवान विष्णु से धरती पर काशी को अपने निवास के लिए मांगा, इसके बाद से भगवान शिव यहीं रहते हैं. यहां बाबा विश्वनाथ का बेहद प्राचीन ज्योतिर्लिंग है. काशी से जुड़ी पौराणिक मान्यता के मुताबिक इसे भगवान महादेव के त्रिशूल के ऊपर बसाया गया था. 

हिंदू धर्म की शुरूआत

हिंदू धर्म के उद्भव के ऊपर अक्सर बहस होती रहती है. कोई कहता है कि आर्यों ने इसकी शुरुआत की और भारत के बाहर से आए थे, लेकिन पौराणिक मान्यता के अनुसार हिंदू धर्म की स्थापना काशी में ही हुई थी और काशी हिंदू संस्कृति का केंद्र है. 

रहस्यमयी कुंड

बनारस में लोलार्क नाम का जल कुंड है. इस कुंड के पानी का आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है कि इसमें पानी कहां से आता है. इसका जिक्र स्कंद पुराण में भी मिलता है. लोलार्क कुंड में भादौ के महीने में सूर्य की किरणें पड़ती हैं मान्यता है कि इस समय जो महिला इस कुंड में नहा लेती उसे संतान सुख मिल जाता है. 

काशी की बनावट

बनारस में कदम-कदम पर मंदिर हैं. ये ऐसे ही नहीं है बल्कि इसके पीछे भी एक रहस्य छुपा हुआ, इसका संबंध मानव शरीर से है. कहते हैं बनारस में 72000 मंदिर हैं जो मानव शरीर की नाड़ियों की संख्या के बराबर हैं. माना जाता है कि बनारस को मनुष्य के शरीर की तर्ज पर बनाया गया है.

बनारस के अद्भुत नाम

हम वाराणसी को बनारस और काशी के नाम से ही जानते हैं, लेकिन इसके और भी कई नाम हैं, बनारस को महाशमशान, अविमुक्ता, रुद्रावास और आनंदवन के नाम से भी जानते हैं. कहते हैं बनारस में मरने वाला मोक्ष को प्राप्त करता है, यहां बहुत चिताएं जलाई जाती हैं इसलिए इसे महाशमशान कहते हैं. 

काशी जाए बिना नहीं मिलेगा मोक्ष

बनारस में काल भैरव का मंदिर है. एक मान्यता ये भी है कि काल भैरव के दर्शन के बिना किसी आत्मा को मोक्ष नहीं मिलता है. मोक्ष प्राप्ति के लिए काल भैरव के दर्शन किए जाते हैं.

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