trendingNow11377910
Hindi News >>ट्रैवल
Advertisement

Navratri 2022: नवमी के दिन मातारानी के इन मंदिरों के कर लें दर्शन, हर मुराद हो जाएगी पूरी

Navmi 2022: नवरात्रि के दिनों में देवी दर्शन का खास फल मिलता है. अगर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा और दर्शन किए जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है. यहां कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जानेंगे जो देवी के 9 स्वरूपों को समर्पित हैं. 

दुर्गा मां
Stop
Zee News Desk|Updated: Oct 03, 2022, 12:13 PM IST

Devi Temple: नवरात्रि का उत्सव आते ही मंदिरों में रौनक जम जाती है. हर तरफ मां के जयकारे की धूम होती है. नवरात्रि का हर दिन खास होता है और देवी के अलग-अलग स्वरूप को समर्पित है, लेकिन नवमी के दिन का विशेष महत्व है. नवरात्रि के आखिरी दिन यानी कि नवमी के अवसर पर पूजा और दर्शन का विशेष फल मिलता है. नवरात्रि में वैसे तो हर गली में माता की झांकी और दर्शन करने को मिल जाएंगे, लेकिन कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां नवमी के दिन दर्शन करने का विशेष फल मिलता है. इन मंदिरों में नवमी के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. 

शैलपुत्री माता

नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री माता का होता है. पूरे नवरात्रि उतसव के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है. शैलपुत्री देवी का मंदिर बनारस के मढ़िया घाट पर है. नवमी के दिन पूजा का खास महत्व होता है. 

ब्रह्मचारिणी मंदिर

वाराणसी का ब्रह्मचारिणी मंदिर बेहद खास है. देश में ब्रह्मचारिणी माता के गिने-चुने ही मंदिर हैं. ब्रह्मचारिणी माता के दर्शन करने मात्र से ही फल मिल जाता है. ब्रह्मचारिणी माता सफेद वस्त्र धारण किए हुए पवित्रता का प्रतीक हैं. ब्रह्मचारिणी मां के दर्शन करना कुंवारी लड़कियों के लिए विशेष फलदायी होता है. नवमी के दिन यहां भारी भीड़ होती है.

कुष्मांडा मंदिर

कुष्मांडा देवी का मंदिर कानपुर में है. घाटमपुर में स्थित कुष्मांडा माता का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. नवरात्रि के आखिरी दिन कुष्मांडा देवी के दर्शन और पूजा का विशेष महत्व है.

स्कंदमाता मंदिर

स्कंदमाता का मंदिर बनारस में है. स्कंद भगवान कार्तिकेय को कहा जाता है. स्कंद की मां होने की वजह से माता के इस स्वरूप का नाम स्कंदमाता पड़ा. नवरात्रि में यहां दर्शन का विशेष फल मिलता है. 

कात्यायनी बाणेश्वर मंदिर 

कर्नाटक का कात्यायनी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. कर्नाटक के एवरसा का कात्यायनी बाणेश्वर मंदिर सालभर श्रद्धालुओं से भरा रहता है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां दर्शन करने का विशेष महत्व है. नवमी के दिन बड़ी तादाद में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. 

चंद्रघंटा देवी मंदिर

चंद्रघंटा देवी विशेष स्वरूप होता है. चंद्रघंटा मां साहस की देवी मानी जाती हैं. बनारस में चंद्रघंटा का भव्य मंदिर है. वैसे तो नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा माता को समर्पित होता है, लेकिन नवमी के दिन यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. 

कालरात्रि मंदिर

बनारस का कालरात्रि मंदिर देवी भक्तों के आकर्षण का केंद्र है. कालरात्रि काली मां को कहा जाता है. राक्षसों का वध करने वाली काली मां की पूजा नवरात्रि में विशेष तौर पर की जाती है. नवरात्रि का सातवा दिन कालरात्रि का होता है. नवमी के दिन यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें

Read More
{}{}