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Ratan Tata का धांसू Plan! 6000 करोड़ लगाकर चीन को दिखाई आंख, iPhone 16 लॉन्च के बाद मचाएंगे गदर

Ratan Tata की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ऐप्पल का मैन मैन्युफैक्चरर है. रिपोर्ट्स के मुताबिक वो आईफोन 16 के लॉन्च के तुरंत बाद प्रोडक्शन शुरू करने वाली है. इसके लिए टाटा ने 6 हजार करोड़ रुपये निवेश किया है. इससे चीन को बड़ा झटका लगने वाला है.  

Ratan Tata का धांसू Plan! 6000 करोड़ लगाकर चीन को दिखाई आंख, iPhone 16 लॉन्च के बाद मचाएंगे गदर
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Mohit Chaturvedi|Updated: Aug 20, 2024, 09:15 AM IST

इस साल के अंत तक Apple भारत में अपनी चौथी iPhone असेंबली यूनिट खोलेगी. बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, Apple की मुख्य कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Tata Electronics नवंबर से प्रोडक्शन शुरू करेगी. तमिलनाडु के होसुर में स्थित यह फैक्ट्री ताइवान की ईएमएस प्लेयर विस्ट्रॉन की यूनिट खरीदने के बाद Tata Electronics के लिए दूसरा iPhone असेंबली प्लांट होगा.

टाटा ने किए 6 हजार करोड़ इन्वेस्ट

टीओआई की रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि '250 एकड़ के प्लांट से आईफोन लॉन्च करने की तैयारियां जोरों पर हैं, जहां तीन साल पहले Tata ने एक कंपोनेंट फैक्ट्री लगाई थी.' रिपोर्ट के मुताबिक, Tata Electronics प्लांट में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस फैक्ट्री में ज्यादातर महिलाओं सहित 50,000 कर्मचारी काम कर सकते हैं.

चीन को मिली बड़ी चोट

नए प्लांट से Apple को अपनी सप्लाई चेन को स्थानीय बनाने और Tata के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने में मदद मिलेगी. Apple भारत, थाईलैंड, मलेशिया और अन्य जगहों पर असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स के साथ काम करके चीन से अपने ऑपरेशन को विविधता दे रहा है. भारत में आईफोन प्रोडक्शन से चीन को बड़ी चोट मिली है, क्योंकि कुछ सालों पहले तक चीन में आईफोन बनने का काम तेजी पर था.

2017 में शुरू हुआ था आईफोन प्रोडक्शन

भारत में Apple का iPhone प्रोडक्शन 2017 में शुरू हुआ था. इसके निर्माता Foxconn ने चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में iPhone SE की असेंबली शुरू की थी. बाद के वर्षों में, सभी लेटेस्ट iPhone मॉडल 'मेड-इन-इंडिया' थे और यहां तक कि Apple के तीन कॉन्ट्रैक्ट पार्टनर - फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन द्वारा निर्यात किए गए थे. विस्ट्रॉन की फैसिलिटी को आखिरकार पिछले साल अक्टूबर में Tata ग्रुप ने 125 मिलियन डॉलर में खरीद लिया था. तब से, क्यूपर्टिनो स्थित दिग्गज चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय विक्रेताओं का एक नेटवर्क बनाकर अपने पारिस्थितिकी तंत्र को गहरा कर रहा है.

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