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कचरे के डिब्बे में जाएंगे चार्जर! वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी पत्ती, उंगली से ही चार्ज होने लगेगा फोन

कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस को बनाया था, जिससे आप उंगलियों से फोन को चार्ज कर सकते हैं. इस डिवाइस को कैलिफोर्निया में बनाया गया था. सबसे खास बात यह है कि पसीने से बिजली पैदा करता है. इस डिवाइस की फिर चर्च होने लगी है. आइए जानते हैं डिटेल में...  

कचरे के डिब्बे में जाएंगे चार्जर! वैज्ञानिकों ने बनाई ऐसी पत्ती, उंगली से ही चार्ज होने लगेगा फोन
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Mohit Chaturvedi|Updated: Aug 05, 2024, 10:35 AM IST

स्मार्टफोन ने हमारी लाइफ को काफी आसान बना दिया है. एक टच पर सारा काम हो जाता है. बैंक का काम हो या फिर कुछ भी. लेकिन अगर हम कहें कि फोन को टच करने से चार्ज होने लगेगा तो... पढ़कर आप भी हैरान हो रहे होंगे. लेकिन यह सच है. कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस को बनाया था, जिससे आप उंगलियों से फोन को चार्ज कर सकते हैं. इस डिवाइस को कैलिफोर्निया में बनाया गया था. सबसे खास बात यह है कि पसीने से बिजली पैदा करता है. इस डिवाइस की फिर चर्च होने लगी है. आइए जानते हैं डिटेल में...

पसीने से बिजली पैदा होगी

डेली मेल की खबर के मुताबिक, इस डिवाइस को कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी की एक टीम ने तैयार किया है. उनकी मानें तो डिवाइस को अगर आप सोते वक्त पहनेंगे तो पसीने से यह बिजली पैदा करेगी. उस बिजली से स्मार्टफोन या वॉच को आसानी से चार्ज किया जा सकेगा. उनका कहना है कि करीब 10 घंटे उंगली पर पहनने पर यह 24 घंटे तक फोन को चार्ज कर सकेगी.

3 हफ्ते तक पहनना जरूरी

लेकिन इससे फोन को चार्ज करना इतना आसान नहीं है. रिसर्च कर रही टीम का कहना है कि इस स्ट्रिप को उंगली पर अटैच किया जा सकता है. सोते वक्त नमी से बिजली पैदा होगी. लगातार 3 हफ्ते तक लगातार पहने रखने के बाद इससे फोन चार्ज किया जा सकता है. इस कैपेसिटी बढ़ाने पर अभी काम चल रहा है. 

कैसी दिखती है?

यह डिवाइस बैंडएड की तरह नजर आती है. उसको उंगलियों में चिपकाया जाता है. इसमें कार्बन फोम इलेक्ट्रोड की एक पैडिंग होती है, जो पसीने को सोकती है. उसको बिजली में परिवर्तित किया जाता है. 

कैसे करता है काम

डिवाइस एक पतली, लचीली पट्टी है जिसे प्लास्टर की तरह उंगलियों के चारों ओर लपेटा जा सकता है. कार्बन फोम इलेक्ट्रोड का एक पैडिंग पसीने को सोकता है और इसे बिजली में परिवर्तित करता है. जब आपका हाथ पसीने से गीला होता है या पट्टी पर दबाव पड़ता है, तो यह बिजली पैदा करती है. इसको आए हुए 3 साल हो चुके हैं. अब देखना होगा कि कब इसे मार्केट में लाया जाता है.

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